जेएनयू हिंसा: सुरक्षा के लिए योगेंद्र ने बनाए थे व्हाट्सएप ग्रुप
जेएनयू में 5 जनवरी की हिंसा के दौरान चर्चित हुए व्हाट्सएप ग्रुप ‘यूनिटी अगेंस्ट लेफ्ट’ और ‘फ्रेंड्स ऑफ आरएसएस’ योगेंद्र भारद्वाज ने बनाए थे। दिल्ली पुलिस की पूछताछ के दौरान उसने दावा किया कि ये ग्रुप सुरक्षा के लिए बनाए गए थे। इनमें एबीवीपी समर्थकों को जोड़ा गया था और उनसे हालचाल पूछा गया था। सभी को सुरक्षित जगह जाने के लिए कहा गया था। व्हाट्स ऐप ग्रुप पर चला था कि वामपंथी समर्थक छात्रों ने एबीवीपी के लोगों पर हमला किया है। अपराध शाखा की एसआईटी ने एक अन्य आरोपी विकास पटेल से भी पूछताछ की। एसआईटी को सर्वर का डाटा मिल गया है। पुलिस का कहना है कि, डाटा लोड कर लिया गया है और इसे शनिवार को खोला जाएगा। पुलिस को 3 से 5 जनवरी तक की जेएनयू के सभी गेटों की सीसीटीवी फुटेज मिल जाएगी। एसआईटी ने योगेंद्र भारद्वाज से व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़े गए लोगों की लिस्ट मांगी है। योगेंद्र व विकास को सोमवार को फिर पूछताछ के लिए बुलाया गया है। योगेंद्र भारद्वाज ने पूछताछ में कहा कि जब आइशी घोष के नेतृत्व में वामपंथी विद्यार्थियों ने पेरियार हॉस्टल में हमला किया था तो एबीवीपी से जुड़े विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए ये ग्रुप बनाए थे। वही दूसरी तरफ, स्टिंग ऑपेरशन में जिस अक्षत अवस्थी का नाम सामने आया था, वह शुक्रवार को पुलिस पूछताछ में शामिल हो गया। रोहित शाह ने एसआईटी को कहा कि वह सोमवार को पूछताछ में शामिल हो जाएगा। रूसी भाषा से बीए कर रहे अक्षत ने पूछताछ में दावा किया कि वह साबरमती हॉस्टल में नहीं था। पेरियार हॉस्टल के अंदर भी नहीं गया। उसने कहा कि पेरियार हॉस्टल में झगड़ा हो रहा था। इसके बाद वह अपने हॉस्टल में चला गया और सो गया। अगले दिन वह जेएनयू से बाहर चला था। अक्षत ने अपना स्टिंग करने वाले चैनल के खिलाफ वसंत कुंज (नार्थ) थाने में शिकायत की है। अक्षत ने शिकायत में कहा कि उसका गलत तरीके से स्टिंग किया है। उसे बहला-फुसलाया गया था। अक्षत को सोमवार को फिर पूछताछ के लिए बुलाया गया है।
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