केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी अपनी परंपरागत पीलीभीत लोकसभा सीट से चुनाव नहीं लड़ना चाहती हैं। तो वहीं उत्तर प्रदेश में भाजपा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पार्टी कई वर्तमान सांसदों के टिकट काटने जा रही है। केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने पार्टी नेतृत्व को अपनी मंशा जाहिर भी कर दी है। कहा जा रहा है कि मेनका गांधी हरियाणा की करनाल सीट से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहती हैं, लेकिन प्रदेश स्तर पर उनके नाम की सहमति नहीं बन पाई है। हालांकि प्रदेश स्तर पर मेनका गांधी को कुरुक्षेत्र सीट से उम्मीदवार बनाने पर सहमति बन सकती है।
सूत्रों की मानें तो मेनका गांधी कुरुक्षेत्र से चुनाव लड़ने को तैयार नहीं हैं। वर्तमान में एक अखबार के मालिक अश्वनी चोपड़ा सांसद हैं और पिछले कई दिनों से अस्वस्थ चल रहे हैं। साथ ही मेनका गांधी चाहती हैं कि पीलीभीत से उनके बेटे वरुण गांधी चुनाव लड़ें। वरुण गांधी 2009 में पीलीभीत से चुनाव लड़कर पहली बार सांसद बने थे। 2009 के लोकसभा चुनाव में वरुण गांधी पीलीभीत से और मेनका गांधी आंवला से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे। मेनका ने पीलीभीत से पहली बार 1989 में चुनाव जीता था और यहां से 3 बार सांसद रही हैं। हालांकि मेनका गांधी और वरुण गांधी के भविष्य पर अंतिम फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को लेना है। दूसरी ओर, पार्टी के अंदरुनी सूत्रों का कहना है कि पार्टी उत्तर प्रदेश से कई वर्तमान सांसदों के टिकट काटने जा रही है। ऐसे में देखना होगा कि पार्टी किन सांसदों के टिकट काटेगी और किनकी सीट बची रहेगी।
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मेनका गांधी पुत्र वरुण को पीलीभीत से और स्वयं करनाल से लोस चुनाव लड़ने की इच्छुक