चालू साल में बारिश कम हुई है, इस वजह से पेयजल की समस्या पहले से ही मौजूद है। वहीं पाइपलाइनों में बार-बार होने वाले लीकेजों के कारण राजधानी में पानी की बर्बादी थम नहीं रही है। बड़े तालाब में कम जल स्तर को देखते हुए नगर निगम लगभग हर महीने शटडाउन लेकर लीकेज सुधार रहा है। बरखेड़ी स्थित रेलवे पटरी के किनारे बीते छह महीने से लीकेज बना हुआ है। निगम अधिकारियों का दावा है कि बीते दिसंबर में इसे दुरुस्त किया गया था। लेकिन, यहां लीकेज लगातार जारी है। यहां एक घंटे में करीब 10 लाख लीटर पानी बहकर बर्बाद हो रहा है। निगम अधिकारियों का कहना है कि इस लीकेज को दो बार बनाने का काम किया गया, लेकिन पाइप लाइन काफी पुरानी होने के कारण पानी का दबाव नहीं झेल पा रही है।
इधर, करोंद मंडी गेट के पास देवकी नगर वाले हिस्से में मंगलवार शाम 5 बजे लीकेज हो गया। इसकी जानकारी निगम के जलकार्य अमले को नहीं मिली। तीन घंटे बाद वॉल्व को बंद किया गया। इससे बुधवार को कुछ हिस्से पर कम दबाव से पानी सप्लाई हो सकता है। करोंद क्षेत्र की गोया कॉलोनी, पूजा कॉलोनी सहित अन्य कॉलोनियों में लंबे समय से कम दबाव से पानी सप्लाई की शिकायत बनी हुई है। माना जा रहा है कि करोंद चौराहे के नीचे बिछी पाइप लाइन में अवरोध है, जिसके कारण यह समस्या है। मंगलवार को चौराहे पर पाइप लाइन को बदलने के लिए खुदाई चालू की गई। निगम अधिकारियों ने बताया कि रात भर काम किया जाएगा। यहां पर नई पाइप लाइन बिछाई जाएगी ताकि पानी का प्रेशर बढ़ाया जा सके। यहां पहले भी लीकेज की समस्या हो चुकी है।
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बार-बार लीकेज से नहीं थम रही पानी की बर्बादी बरखेड़ी और करोंद क्षेत्र में फिर हुआ लीकेज