शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी एलजी से मुलाकात के बाद भी संतुस्ट नहीं
दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल से मुलाकात के बाद भी शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन जारी है। शाहीन बाग इलाके में महिलाएं 39वें दिन भी सीएए के खिलाफ धरना दे रही हैं। प्रदर्शनकारियों ने स्कूल बसों के लिए रास्ता छोड़ने का फैसला किया है। प्रदर्शनकारियों ने अपील की है कि मामले का समाधान निकालने के लिए अगर सरकार प्रतिनिधि नहीं भेजेगी तो हम 29 जनवरी को भारत बंद करेंगे। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर शाहीन बाग में प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल कल मंगलवार को दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल से मिला। बैठक में उपराज्यपाल बैजल ने प्रतिनिधिमंडल को विश्वास दिलाया कि उनके द्वारा सौंपे गए ज्ञापन को अधिकारियों तक पहुंचाया जाएगा। दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने मुलाकात के बारे में ट्वीट किया और प्रतिनिधिमंडल से शांति व्यवस्था बनाए रखने और आंदोलन खत्म करने की अपिल की। उपराज्यपाल ने ट्विटर पर कहा, 'शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। संबंधित अधिकारियों को उनकी चिंताओं से अवगत कराने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा, 'मार्गों के अवरुद्ध होने के कारण स्कूली बच्चों, रोगियों, यात्रियों, स्थानीय निवासियों आदि को हो रही निरंतर असुविधा को देखते हुए उनसे आंदोलन को बंद करने की अपील की।' उपराज्यपाल के सरकारी आवास से कहा गया कि इस बैठक में पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। हालांकि मुलाकात के बाद भी शाहीन बाग में प्रदर्शन जारी है। आज प्रदर्शन का 38वां दिन है। इस बीच प्रदर्शनकारियों की ओर से कहा कि मामले का समाधान निकालने के लिए सरकार अगर कोई प्रतिनिधि नहीं भेजती है तो हम 29 जनवरी को भारत बंद करेंगे। इस बीच, सुप्रीम कोर्ट में सीएए की सुनवाई के नतीजों का इंतजार करने वाले करते हुए हर्ष मंदर, फरीदा खान, देब मुखर्जी और शाहीन बाग की कई महिलाएं सुप्रीम कोर्ट के लॉन में चुपचाप खड़े रहेंगे।
रीजनल नार्थ
शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी एलजी से मुलाकात के बाद भी संतुस्ट नहीं