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दिल्ली चुनाव: केजरीवाल के खिलाफ भाजपा झोंक रही पूरी ताकत 

दिल्ली चुनाव: केजरीवाल के खिलाफ भाजपा झोंक रही पूरी ताकत 

दिल्ली चुनाव: केजरीवाल के खिलाफ भाजपा झोंक रही पूरी ताकत 
दिल्ली चुनाव 2020 के लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। सूत्रों के अनुसार 22 जनवरी से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पूरी ताकत झोंक कर चुनाव प्रचार के लिए उतरने वाली है। दिल्ली चुनाव के लिए भाजपा ने 'देश बदला है, अब दिल्ली बदलेंगे' का नारा दिया है। दिल्ली चुनाव के लिए गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इस नारे को हर नुक्कड़ और घर-घर तक पहुंचाने की रणनीति बनाई है। इसके लिए 5000 छोटी-छोटी सभाएं की जाएंगी। जिसमें 250-300 लोग भी मौजूद रहेंगे। इन सभाओं मे मोदी सरकार के तमाम मंत्री, प्रदेशों के बड़े नेता और स्टार प्रचारक भी हिस्सा लेंगे। इन सभाओं में मोदी सरकार की उपलब्धियों को बताया जाएगा। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार की योजनाओं को लागू करने की कोशिशों में क्या-क्या रोड़े अटकाएं हैं। इनमें पार्टी की ओर से कई उदाहरण भी दिए जाएंगे। इनमें सबसे बड़ा उदाहरण है मेट्रो रेल का निर्माण। 17000 करोड़ रुपये केंद्र ने खर्च किए और 136 किमी ट्रैक का निर्माण हुआ। जिसमें 50 लाख दिल्लीवासी हर रोज यात्रा करते हैं। इसे सफल बनाने में केजरीवाल ने कैसे बार-बार बाधाएं पैदा की, इसके बारे में बताया जाएगा। वहीं यातायात के धुएं से दिल्ली के लोगों को निजात दिलाने में मोदी सरकार की भूमिका रही। ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे बनाकर प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को दिल्ली के बाहर से निकालना शुरू कर दिया। बीजेपी का आरोप है कि दिल्ली सरकार को इसमें 3000 करोड़ रुपये देने थे यानि योजना कि कुल लागत का 10 फीसदी। हालांकि उन्होंने देरी भी की और पूरा हिस्सा देने से बचते रहे। दिल्ली की सड़के भी खस्ताहाल हैं। दूसरी तरफ पराली को लेकर पर्यावरण मंत्रालय ने स्टैंड लिया। पटाखों को लेकर जागरूकता अभियान चलाया। सूत्रों की माने तो दिल्ली सरकार की मुफ्त बिजली योजना एक ऐसा मुद्दा है जिसकी निंदा करना संभव नहीं है। बल्कि भाजपा इसके विपरीत जनता को ये बताएगी की दिल्ली में फ्री बिजली की योजना सिर्फ एक साल का अनुबंध है। केजरीवाल सरकार का बिजली कंपनियों के साथ ये अनुबंध मार्च 2020 में खत्म होगा। इसलिए ये फैसला चुनाव को ध्यान में रखकर किया गया है। अगर वो दोबारा वापस आते हैं तो फिर से पुराने बिल वापस आने लगेंगे। इसलिए भरोसा बीजेपी पर ही करना चाहिए। बीजेपी अपने चुनाव प्रचार में बताएगी कि केंद्र सरकार ने मुफ्त में एलईडी बांटी, उसके दाम में भारी कटौती कराई ताकि घरों में इस्तेमाल कर बिजली बिल और कम आएं। पानी को लेकर भी बीजेपी चुनाव तक बड़ा कैंपेन चलाने की तैयारी में है। केजरीवाल के साफ पानी के दावे को लेकर बीजेपी कार्यकर्ता हर दिन एक नए मोहल्ले से नल का पानी लेकर केजरीवाल को देने जाएंगे और कहेंगे कि पानी पी कर दिखाओ। इससे ये साबित करेंगे की पानी के वादे कितने झूठे हैं। इसलिए दिल्ली चुनाव प्रचार में बीजेपी का नारा होगा 'फ्री नहीं, साफ पानी चाहिए।'
वहीं अनाधिकृत कॉलोनियों को रेगुलराइज करने का मुद्दा पर भी बीजेपी वोटर्स को अपनी तरफ खींचेने वाली है क्योंकि एक बड़ी संख्या में दिल्लीवासियों को इसका लाभ पहुंचा है। साथ ही दिल्ली की जनता को ये बताया जाएगा कि अगर बीजेपी की सरकार आती है तो वो गरीबों के सपनों को पूरा करेगी। इस पर पार्टी का नारा होगा 'जहां झुग्गी वहां मकान'। यानी जहां गरीब की झोपड़ी हो, वहीं पक्के मकान बनाकर सरकार देगी।
जहां नौकरी कर रहे थे, वहीं नौकरी करते रहें और बच्चे जिन स्कूलों में पढ़ रहे थे वहीं पढ़ते रहें। कॉलोनियों की हालत भी सुधर जाएगी। 10 लाख से ज्यादा दुकानदारों यानि दस लाख घरों को लीजहोल्ड से प्रीहोल्ड करने का फैसला भी लोगों तक पहुंचाया जाएगा। बीजेपी के प्रचार में निशाने पर मोहल्ला क्लीनिक भी होंगे। बीजेपी लोगों को बताएगी कि जिस मुफ्त इलाज का केजरीवाल दम भर रहे हैं, उनका सरकारी अस्पतालों में पहले से ही मुफ्त इलाज होता है। यहां तक कि गरीबों के लिए बनी आयुष्मान भारत योजना को भी केजरीवाल सरकार ने लागू नहीं किया। वहीं दिल्ली चुनाव में बीजेपी राष्ट्रीय मुद्दों को भी चुनाव प्रचार में शामिल करेगी। सूत्रों का कहना है कि सीएए को लेकर दिल्ली में प्रदर्शन चल रहे हैं। इसे आम आदमी पार्टी के लोगों ने गलत ठहराया है। भले ही केजरीवाल इस पर कुछ नहीं बोल रहे हों। पार्टी को लगता है कि इससे उनका वोट बैंक और मजबूत हो रहा है। इसलिए ये मुद्दा प्रचार में छाया रहेगा। कार्यकर्ता घर-घर जाएगें और राम मंदिर, धारा-370 हटाने के फैसले के बारे में भी लोगों को बताएंगे।

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