निर्भया केस में दोषियों के परिजनों को लिखित में सूचना, 1 फरवरी को होगी फांसी
तिहाड़ जेल अधिकारियों को सबसे बड़ी चिंता इनकी सुरक्षा को लेकर है। सुरक्षा के लिए जेल मेनुअल में फांसी की सजा पाए दोषियों के लिए निर्धारित सभी बातों पर अमल किया जा रहा है। दोषियों की सुरक्षा किस कदर बढ़ा दी गई है कि इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अब निर्भया के दोषियों के सेल को रोजाना बदला जा रहा है। इन्हें ऐसे सेल में रखा जा रहा है जहां बाहर मौजूद सुरक्षाकर्मी को इनके सेल का चप्पा चप्पा आसानी से नजर आए। जिस सेल में इन्हें रखा जाता है, उस सेल की जांच खुद जेल उपाधीक्षक आकर करते हैं। वहीं, जांच के दौरान यह देखा जाता है कि सेल में सुरक्षा को लेकर व्यापक इंतजाम हैं या नहीं। यह भी विशेष तौर पर देखा जाता है कि क्या इस सेल में ऐसी कोई संरचना तो नहीं है जिसकी मदद से दोषी खुदकशी करने की कोशिश को अंजाम दे सकता है। पूरी तरह तसल्ली के बाद ही उपाधीक्षक दोषी को सेल में रखने की अनुमति प्रदान करते हैं। बाहर जो सुरक्षाकर्मी मौजूद रहता है उसे साफ हिदायत है कि अंदर मौजूद दोषी से कोई बात नहीं करे। यदि दोषी को सेल से बाहर निकालना ही पड़े तो निकालने से पहले यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि वहां पर्याप्त संख्या में सुरक्षाकर्मी मौजूद हों। जेल अधिकारियों का कहना है कि 4 दोषी को एक ही बैरक लेकिन अलग अलग सेलों में रखा है। गोरतलब है कि कुछ ही दिन पहले चारों दोषियों अक्षय, विनय, पवन व मुकेश को उनके जेलों से स्थानांतरित कर जेल संख्या तीन के हाई सिक्योरिटी सेल में रखा गया है। इसी जेल में फांसी घर भी है। इनके सेल में रोजाना चिकित्सक पहुंचकर इनकी स्वास्थ्य जांच कर रहे हैं। सुबह व शाम के समय इनकी स्वास्थ्य जांच होती है। इस दौरान इनका वजन हर बार किया जाता है।
रीजनल नार्थ
निर्भया केस में दोषियों के परिजनों को लिखित में सूचना, 1 फरवरी को होगी फांसी