पीएनबी घोटाले के मुख्य आरोपी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ब्रिटिश मीडिया की रिपोर्टो को खारिज कर दिया। इसमें कहा गया है कि ब्रिटिश जांच अधिकारियों के मदद प्रस्ताव का भारतीय एजेंसियों ने समय पर जवाब नहीं दिया। ईडी ने कहा कि इससे जुड़े सभी मामलों में एजेंसी पूरी सक्रियता से कदम उठा रही है। ईडी ने दो पेज का स्पष्टीकरण में कहा कि मीडिया रिपोर्ट में संभावना आधारित लेखन के साथ गलत तथ्य पेश किए गए हैं और गलत निष्कर्ष निकाला गया है। जांच एजेंसी का कहना है, रिपोर्ट में कही यह बात गलत है कि ब्रिटेन के एसएफओ ने मार्च, 2018 में भारतीय अधिकारियों को बताया था कि नीरव मोदी ब्रिटेन में है। ईडी का कहना है कि इस संबंध में मार्च, 2018 या बाद में कभी भी ब्रिटिश अधिकारियों ने औपचारिक या अनौपचारिक रूप से यह नहीं बताया कि नीरव मोदी ब्रिटेन में है। इसके उलट ब्रिटेन में इंटरपोल नोटिसों पर कार्रवाई करने वाली और अन्य देशों के साथ समन्वय करने वाली नोडल एजेंसी नेशनल सेंट्रल ब्यूरो ऑफ मानचेस्टर' ने भारतीय एजेंसियों से ऐसी खुफिया जानकारी मुहैया कराने को कहा था जिससे साबित होता हो कि नीरव मोदी ब्रिटेन में है। ईडी ने बताया कि ब्रिटिश सरकार का लगातार यही रुख रहा है कि आरोपित के खिलाफ गैर-जमानती वारंट सिर्फ प्रत्यर्पण अनुरोध के जरिये ही कार्यान्वित किया जा सकता है, न कि लेटर्स रोगेटरी (एलआर) या म्यूच्यूअल लीगल असिस्टेंट ट्रीटी (एमएलएटी) के माध्यम से। लिहाजा, नीरव मोदी के लिए प्रत्यर्पण अनुरोध उसके खिलाफ आरोपपत्र दाखिल होने के बाद ही भेजा जा सका, जो पिछले साल मई में दाखिल किया गया था।