एनआरसी-सीएए के खिलाफ महाराष्ट्र बंद का मिलाजुला असर
शुक्रवार को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) द्वारा महाराष्ट्र बंद का मिलाजुला असर दिखा.भारिप बहुजन महासंघ (बीबीएम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर की ओर से बुलाए गए बंद का राज्य में मिलाजुला असर देखने को मिला. मुंबई तथा ठाणे जिले में छिटपुट दुकानें बंद रही. लोग घरों से निकल रोजमर्रा के कार्य करते दिखे. अधिकांश दुकानें खुली और सड़क पर वाहनों की आवाजाही पर कोई असर नहीं दिखा. मुंबई में यातायात बाधित करने की कुछ घटनाओं और पथराव की छिट-पुट घटनाओं को छोड़कर शहर में बंद का कोई खास असर नहीं देखने को मिला. चेंबूर में स्वस्तिक पार्क के पास अज्ञात लोगों ने एक ‘बेस्ट’ बस पर पथराव किया. कुर्ला, सायन-ट्रॉम्बे रोड, भायखला, दादर, वडाला और अंधेरी आदि इलाकों में बंद का आशिंक असर देखा गया. पुलिस ने कई वीबीए कार्यकर्ताओं को उस समय हिरासत में ले लिया जब घाटकोपर में ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर उन्होंने कुछ वाहनों को रोकने की कोशिश की. उधर मुंबई से सटे ठाणे के तीन हाथ नाका पर बड़ी संख्या में वीबीए समर्थक जमा हुए. इस बीच, ट्रेन समेत सार्वजनिक परिवहन सेवाओं पर बंद का कोई असर नहीं पड़ा. स्कूल और कॉलेज भी सामान्य दिनों की तरह खुले रहे. महाराष्ट्र बंद के ऐलान को देखते हुए एहतियातन सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे. जगह-जगह पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई थी. बता दें कि सीएए को जबरदस्ती थोपे जाने का आरोप लगाते हुए प्रकाश आंबेडकर ने कहा था कि केंद्र सरकार के इस कदम से देश में अशांति का माहौल बन गया है. जनता में अविश्वास का भाव है. उन्होंने आर्थिक नीतियों को लेकर भी केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा था कि गलत नीतियों के कारण देश आर्थिक दिवालियापन की राह पर है.
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