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नींद खराब होने से बढता है अल्जाइमर का खतरा  -शोध में दी गई है यह चेतावनी 

नींद खराब होने से बढता है अल्जाइमर का खतरा  -शोध में दी गई है यह चेतावनी 

नींद खराब होने से बढता है अल्जाइमर का खतरा 
-शोध में दी गई है यह चेतावनी 

रात की नींद खराब होने से अल्जाइमर बीमारी का खतरा बढ जाता है। यह कहना है शोधकर्ताओं का। वैज्ञानिकों के अनुसार, दिमाग में उस प्रोटीन की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे अल्जाइमर पनप सकता है। शोध में पाया गया कि जब युवा और स्वस्थ पुरुषों को सिर्फ एक रात की नींद से वंचित किया, तो उनके रक्त में टाऊ प्रोटीन का उच्च स्तर पाया गया। यह प्रोटीन अल्जाइमर रोग का सबसे अहम कारण है। शोध के दौरान इन लोगों की तुलना बिना किसी बाधा के अच्छी नींद लेने वालों से की गई। टाऊ एक प्रोटीन है जो न्यूरॉन में पाया जाता है और दिमाग में झिल्लियां बनाता है। ये अल्जाइमर के मरीजों के दिमाग में जमा हो जाता है। यह बीमारी के लक्षण दिखाई देने से दशकों पहले ही मस्तिष्क में जमा होना शुरू हो जाता है। अधेड़ वयस्कों पर पूर्व में किए गए शोधों से पता चलता है कि नींद की कमी से सेरेब्रल स्पाइनल फ्लूइड में टाऊ प्रोटीन की मात्रा में बढ़ोतरी हो जाती है। उपसाला यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता जॉनाथन सेडेरनेस ने कहा, हमारे शोध से पता चलता है कि युवा और स्वस्थ लोगों में भी एक रात की नींद खराब होने से रक्त में टाऊ प्रोटीन की मात्रा बढ़ जाती है। इस तरह नींद की कमी से बाद में परेशानी हो सकती है। शोध में 15 स्वस्थ पुरुषों को शामिल किया गया जिनका वजन सामान्य था और उम्र 22 साल थी। ये सभी रोजाना सात से नौ घंटे की नींद लेते थे। अध्ययन को दो चरणों में किया गया। हर चरण में प्रतिभागियों को एक स्लीप क्लीनिक में दो दिन और दो रात तक नियंत्रित आहार और गतिविधियों के बीच रखा गया। शाम और सुबह उनके रक्त के नमूने लिए गए। एक चरण में प्रतिभागियों को अच्छे से सोने दिया गया और दूसरे चरण में एक दिन उन्हें सोने दिया और दूसरे दिन नहीं सोने दिया। शोधकर्ताओं ने कहा, बीटा-अमाइलॉयड प्रोटीन की मात्रा में गड़बड़ी के बाद अल्जाइमर के मरीजों की स्मरण क्षमता कम होने का टाऊ प्रोटीन दूसरा सबसे प्रमुख कारण है। टाऊ वास्तव में एक खराब प्रोटीन है जो दिमाग को बेहद नुकसान पहुंचाता है। शोधकर्ताओं ने पाया कि एक रात नींद नहीं लेने पर प्रतिभागियों के रक्त में टाऊ प्रोटीन की मात्रा 17 फीसदी तक बढ़ गई। वहीं, अच्छे से सोने पर उनके रक्त में टाऊ की मात्रा सिर्फ दो फीसदी तक ही बढ़ी। शोधकर्ताओं के अनुसार जब न्यूरॉन सक्रिय होते हैं तब दिमाग में टाऊ का उत्पादन बढ़ जाता है। अल्जाइमर में मस्तिष्क कोशिकाओं में बीटा अमाइलॉयड और टाऊ प्रोटीन का संग्रह होने से स्मरण शक्ति कम होने लगती है। 

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