भारत संचार निगम लिमिटेड को केंद्र सरकार पैकेज देने पर विचार कर रही है । सार्वजनिक क्षेत्र की इस कंपनी को कर्ज के बोझ के कारण परिचालन करने में काफ़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। दूरसंचार विभाग सार्वजनिक क्षेत्र की इस कंपनी को 13000 करोड रुपए के राहत पैकेज पर विचार कर रहा है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार 6365 करोड़ रुपए, स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति पैकेज और 6767 करोड़ रुपए इक्विटी निवेश के माध्यम से 4G स्पेक्ट्रम आवंटन तथा रियल स्टेट संपत्तियों की बिक्री के माध्यम से प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया है। उल्लेखनीय है कि बीएसएनल को अब बैंक भी कर्ज़ देने के लिए तैयार नहीं है। सूत्रों के अनुसार इस वित्तीय वर्ष में लगभग 7000 करोड के घाटे होने की बात कही जा रही है। पिछले 2 माह से बीएसएनएल अपने कर्मचारियों को वेतन भी नहीं दे रही है। पिछले 2 सालों से बीएसएनल बैंकों के कर्ज से दबी हुई है। यह अपने परिचालन के खर्चों को पूरा नहीं कर पा रही है। बीएसएनएल ने सरकार से एकमुश्त पैकेज देने की गुहार लगाई है। पिछले दो दशकों में बीएसएनल की सेवाएं दिनोंदिन घटिया होती जा रही हैं।
जिसके कारण बीएसएनएल के लाखों ग्राहकों ने निजी कंपनियों की सेवाएं ले ली हैं।
सूत्रों द्वारा यह भी कहा जाता है कि निजी दूरसंचार कंपनियां अपने प्रभाव का उपयोग कर बीएसएनएल का भट्टा बैठाने में पिछले कई वर्षों से लगी हुई हैं, जिओ आने के बाद कंपनी की हालत और पतली हो गई है।
नेशन
बीएसएनल को राहत देने पर केंद्र सरकार कर रही विचार