मुंह और जीभ में छिपा रहता है आपकी सेहत का राज
अक्सर जब आप किसी बीमारी को लेकर चिकित्सक के पास जाते हैं तो वह आपकी जीभ दिखाने के लिए कहता है। हमारा मुंह न केवल भोजन के लिए प्रवेश द्वार है बल्कि इसके जरिए शरीर के भीतर झांका जा सकता है। आप हैल्दी हैं या नहीं इसका अंदाजा आपके दांतों और मुंह के भीतर की सेहत को देख कर पता लगाया जा सकता है। हालांकि अक्सर हम अपने डेंटिस्ट के पास तभी जाना पसंद करते हैं, जब हमारे दांतों में दर्द होता है। जबकि आपके दांतों के कलर, उनकी हालत को देखकर बाकी समस्याओं का भी पता लगाया जा सकता है।
विशेषज्ञों के मुताबिक बरसों पुरानी टूथोलॉजी पद्धति के जरिए किसी भी व्यक्ति की पूरी हैल्थ जांची जा सकती है। आप क्या खाते हैं, आपका सामाजिक जीवन कैसा है और आप किस ढंग की जिंदगी जी रहे हैं, आपके दांत और मुंह इस सब से परदा उठा सकते हैं।
एसिडिटी से दांतों में ठंडा-गरम : जिस व्यक्ति को लगातार एसिडिटी या छाती में जलन की शिकायत रहती है, उसके दांत संवेदनशील हो जाते हैं। गलत खानपान और खाने के तुरंत बाद बिस्तर पर लेट जाना। इस वजह से पेट के वॉल्व ढीले पड़ जाते हैं और पेट में बनने वाला एसिड उल्टे मुंह की तरफ बढ़ जाता है। इससे आपके दांतों को ठंडा गरम लगने की शिकायत होती है।
तनाव में किटकिटाते हैं दांत : कई लोगों को आदत होती है कि दिन-रात अपने दांत किटकिटाते रहते हैं। लंबे समय तक ऐसा करते रहने से अक्सर दांत फ्लैट हो जाते हैं। इस वजह से जबड़े तो कमजोर होते ही हैं, सिर दर्द और कानों में दर्द की शिकायत भी होने लगती है। इसके पीछे तनाव एक बहुत बड़ा कारण है।
ऊपरी जबड़े का दर्द, साइनस : ऊपरी जबड़े में दर्द का मुख्य कारण यही है। ऊपरी जबड़े की जड़े साइनस के काफी करीब होती हैं और जब साइनस एयर संक्रमित हो जाती है, तो वह ऊपरी जबड़े पर दबाव पैदा करती है, जिससे दर्द होता है।
प्रतिरोधी क्षमता कमजोर होने पर आते हैं मुंह में छाले : जब शरीर का इम्युनिटी सिस्टम कमजोर हो जाता है, तो मुंह में छाले की शिकायत आम होने लगती है। यह कब्ज की भी निशानी है। जीभ का रंग बदलना भी मुंह से जुड़ी बीमारियों की ही द्योतक है।
डायबिटिज में सूखने लगता है मुंह : यदि पानी पीने के बावजूद भी आपका मुंह अक्सर सूखता है, तो यह डायबिटिज के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं।
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