अंग्रेजों के काले कानून की तरह है नागरिकता संशोधन कानून : उर्मिला मातोंडकर
बॉलीवुड अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर ने भी इस कानून की आलोचना की है। उर्मिला ने इस कानून की तुलना अंग्रेजों के रॉलेट एक्ट से की है। जिसे ब्रिटिश शासक ने 1919 में दूसरे विश्व युद्ध के बाद पास कराया गया था। इस कानून को इतिहास में काले कानून के रुप में याद किया जाता है। गुरुवार को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर नागरिकता संशोधन कानून की आलोचना करते हुए उर्मिला मातोंडकर ने कहा 1919 में दूसरे विश्व युद्ध के खत्म होने बाद अंग्रेज यह समझ गए थे कि हिंदुस्तान में उनके खिलाफ असंतोष बढ़ रहा है। इसलिए उन्होंने रॉलेट एक्ट जैसे एक कानून को भारत में लागू कराया। 1919 के इस रॉलेट एक्ट और 2019 के सिटिजनशिप एमेंडमेट एक्ट को अब इतिहास के काले कानून के रूप में जाना जाएगा।
उल्लेखनीय है कि उर्मिला से पहले बॉलीवुड से जुड़े तमाम अन्य लोगों ने भी नागरिकता संशोधन कानून की आलोचना की थी। अभिनेता नसीरुद्दीन शाह, फिल्म निर्माता मीरा नायर, गायक टीएम कृष्णा, लेखक अमिताव घोष, इतिहासकार रोमिला थापर समेत 300 से ज्यादा हस्तियों ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (एनआरसी) का विरोध करने वाले छात्रों और अन्य के साथ एकजुटता प्रकट की है।
'इंडियन कल्चरल फोरम' में 13 जनवरी को प्रकाशित हुए बयान में इन हस्तियों ने कहा कि सीएए और एनआरसी भारत के लिए 'खतरा' हैं। बता दें कि उर्मिला मातोंडकर 2019 के चुनाव से पहले मुंबई में कांग्रेस पार्टी की सदस्य बनी थीं। उर्मिला पूर्व में कांग्रेस के टिकट पर मुंबई उत्तरी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ चुकी हैं। हालांकि 2019 के चुनावी मैदान में उर्मिला मातोंडकर को हार का सामना करना पड़ा था।
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अंग्रेजों के काले कानून की तरह है नागरिकता संशोधन कानून : उर्मिला मातोंडकर