सरकार आपको नागरिक मानने से परहेज करे, आप भी उसे सरकार नहीं माने :कन्हैया
सीपीआई नेता और पूर्व जेएनयू छात्र कन्हैया कुमार ने एनपीआर के खिलाफ लोगों से असहयोग करने की अपील की है। एक सभा में कन्हैया ने कहा कि यदि कोई सरकार आपको नागरिक मानने से परहेज करती है,तब आप भी ऐसी सरकार को मानने से इंकार कर दे। आजादी से पहले गांधी जी द्वारा शुरू किए गए असहयोग आंदोलन का उदाहरण देकर कन्हैया ने लोगों से अपील की कि आप अपने घरों के आगे नो एनपीआर का बोर्ड लगाएं और यदि आपके घर कोई एनपीआर के लिए आता है,तब आप असहयोग करें।
जन संघर्ष मोर्चा के बैनर तले बेतिया से शुरू अपनी यात्रा को कन्हैया कुमार ने नैतिक यात्रा बताया है। मारवाड़ी हाईस्कूल में सभा को संबोधित करते हुए कन्हैया कुमार ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून प्रस्तावित एनपीआर और एनआरसी के विरोध में उनकी यात्रा नैतिक यात्रा है। यह लड़ाई झूठ और सच के बीच की है। कन्हैया ने कहा कि किसी को नेता बनाने के लिए उनकी यात्रा नहीं निकली है बल्कि देश संविधान और समाज को मजबूत करने के लिए उन्होंने यात्रा की शुरुआत की है।
कन्हैया कुमार ने लोगों से प्रस्तावित एनपीआर के विरोध में पटना में भारी संख्या में लोगों को आने की अपील की। कन्हैया कुमार ने कहा कि आजाद देश में आजादी बचाने के लिए, संविधान को बचाने के लिए यह लड़ाई है। यह लड़ाई समुदाय के लिए नहीं बल्कि मानव समाज की लड़ाई है। कन्हैया की सभा में भारी संख्या में अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाएं भी पहुंची थी। अब सवाल उठ रहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव से पहले क्या तेजस्वी से अधिक लोकप्रिय कन्हैया कुमार अल्पसंख्यक समुदाय के बीच हो गए हैं। राजद नेता अब तक कन्हैया की लोकप्रियता को वोट बैंक में तब्दील होने से इंकार कर रहे हैं। राजद के वरिष्ठ नेता और प्रदेश प्रवक्ता मोहम्मद इकबाल सामी कहते हैं कि कन्हैया को सुनने लोग आ रहे हैं लेकिन अब भी लोगों का भरोसा राजद पर है। जल्द ही राजद भी अल्पसंख्यक समुदाय के बीच जाएगा। पहले भी हमारे नेता तेजस्वी यादव नागरिकता संशोधन कानून एनपीआर और एनआरसी का मुखर होकर विरोध किया है, यह बात अल्पसंख्यक समुदाय के लोग भली-भांति समझते हैं।
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