ठाकरे ने कहा, कांग्रेस और एनसीपी के साथ लेकर भी नहीं छोड़ हिंदुत्व का मुद्दा
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एक बार फिर से बीजेपी पर निशाना साधा है। बीजेपी के साथ मुख्यमंत्री पद के लिए हुए झगड़े का जिक्र कर ठाकरे ने कहा है, कि क्या उन्होंने बीजेपी से चांद-तारे मांगे थे। ये इंटरव्यू शिवसेना के मुखपत्र सामना में छपा है। ठाकरे से इस इंटरव्यू में सवाल किया गया कि आखिर उन्होंने 25 साल पुराने साथी बीजेपी को क्यों छोड़ दिया। इस सवाल पर ठाकरे ने कहा, मुझे पता नहीं। लेकिन मुझे सिर्फ ये कहना है कि उन्होंने वचन निभाया होता तो क्या हो जाता। ऐसा मैंने क्या बड़ा मांगा था? आसमान के चांद-तारे मांगे थे क्या? लोकसभा चुनाव से पहले जो हमारे बीच तय हुआ था उतना ही मांगा था। इंटरव्यू में ठाकरे से हिंदुत्व पर भी सवाल किया गया कि क्या कांग्रेस और एनसीपी से हाथ मिलाने के बाद पार्टी ने हिंदुत्व का मुद्दा पीछे छोड़ दिया है।सवाल पर ठाकरे ने कहा, हम हिंदुत्व पर कायम हैं और कायम रहने वाले है। उसमें कोई जोड़-तोड़ नहीं है। साल 1947 के उपचुनाव शायद पहले चुनाव होगा, जो शिवसेना ने हिंदुत्व के मुद्दे पर सिर्फ लड़ा ही नहीं बल्कि जीता भी होगा। इसके बाद में भाजपा साथ आ गई। यदि वचन तोड़ा जाता होगा तो मैं हिंदुत्व स्वीकार करने को तैयार नहीं। मुख्यमंत्री का पद लेने पर ठाकरे न कहा कि उन्होंने अपने पिता को दिए वचन को निभाया है। उन्होंने कहा, 'मुख्यमंत्री पद को स्वीकारना न ही मेरे लिए झटका था और न ही मेरा सपना था। पिता को दिए गए वचन को पूरा करना ही है और मैं वो करूंगा ही।
रीजनल वेस्ट
ठाकरे ने कहा, कांग्रेस और एनसीपी के साथ लेकर भी नहीं छोड़ हिंदुत्व का मुद्दा