गूगल द्वारा डेवलप मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम ऐंड्रॉयड दुनिया में सबसे ज्यादा यूज किया जाने वाला ओपरेटिंग सिस्टम है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि सबसे बड़े यूजर बेस के बावजूद यह सबसे सिक्योर प्लैटफॉर्म नहीं है और आए दिन ऐंड्रॉयड के ओपन सोर्स नेचर के चलते इस पर मैलवेयर और ऐडवेयर इंफेक्शन देखने को मिलते हैं। अब, सिक्यॉरिटी रिसर्चर्स ने पाया है कि सैकड़ों मोबाइल ऐप्स में एक नई तरह का ऐडवेयर छुपा हुआ है। सिक्यॉरिटी फर्म चेक पॉइंट के रिसर्चर्स के अनुसार, गूगल प्ले स्टोर से ऐसे ऐप्स को करीब 15 करोड़ बार डाउनलोड किया गया है। रिसर्चर्स ने पाया कि सिमबेड नाम के मैलवेयर ने एक ऐड सर्विंग प्लैटफॉर्म की शक्ल में 200 से ज्यादा ऐप्स को इंफेक्ट किया है। सिक्यॉरिटी रिसर्चर्स ने कहा कि शायद इन ऐप्स के डिवेलपर्स को भी पता नहीं होगा कि उन्होंने ऐप्स में क्या छुपाया है। इस मैलवेयर में एक बैकडोर क्रिऐट करने और चुपके से प्ले स्टोर पर गूगल के स्कैनिंग सिस्टम को चकमा देने के लिए अडिशनस मैलवेयर इंस्टॉल करने की क्षमता मौजूद है। जानकारी के अनुसार, एक बार इसके इंस्टॉल होने के बाद यह ऐप आइकन हटा सकता है और बैकग्राउंड में चलता रहेगा। कंट्रोल सर्वर से कमांड मिलने के बाद मैलवेयर बैकग्राउंड में कई वेब अड्रेस रन करके ऐड्स दिखा सकता है और गलत ढंग से रेवन्यू जेनरेट करता है। सिक्यॉरिटी रिसर्चर्स ने इससे प्रभावित ऐप्स की लिस्ट गूगल को सौंपी है और उन ऐप्स को गूगल ने प्ले स्टोर से हटा दिया है। हालांकि प्ले स्टोर से हटाने से पहले जिन्होंने इन ऐप्स को इंस्टॉल किया होगा, उनके डिवाइस में अब भी ये ऐप्स मौजूद हैं। टॉप 10 डाउनलोडेड गेम्स के करीब 5.5 करोड़ डाउनलोड्स थे और इनमें स्नो हैवी एक्सावेटर सिमुलेटर, होवरबोर्ड रेसिंग और रियल ट्रैक्टर फार्मिंग सिमुलेटर जैसे नाम शामिल हैं। चेक पॉइंट की मोबाइल थ्रेट इंटेलिजेंस टीम के लीडर एविरन हाजुम के मुताबिक इनमें से कई गेम्स मार्च, 2017 से प्ले स्टोर पर थे। चूंकि मैलवेयर अब ऐडवेयर की तरह काम कर रहा था, ऐसे में रिस्क और खतरा ज्यादा बड़ा हो सकता था। यह अपडेट तब आया है, जब हाल ही में गूगल ने बीते एक साल में करीब 7 लाख ऐप्स प्ले स्टोर से हटाने की बात कही थी।