लोकसभा चुनाव की तिथियां घोषित होने के साथ ही भगोरिया पर्व ने परंपरागत तरीके से दस्तक दी। आदिवासियों के लोकपर्व में मांदल की थाप, बांसुरी की मनमोहक धुन और पारंपरिक वेशभूषा में आकर्षक नृत्य करते लोग नजर आ रहे हैं। भगोरिया मेलों की निगरानी इस बार खुफिया कैमरों के जरिए की जा रही है।
होली के पूर्व साप्ताहिक हाट बाजारों में लगने वाले मेलों में भगोरिया पर्व को लेकर विशेष उत्साह देखने को मिला। आदिवासियों ने विशेष रंग की वेशभूषा और संगीत व खान-पान की विशेष सामग्री भी खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है। लोकसभा चुनाव आचार संहिता को देखते हुए प्रशासन ने भी भगोरिया मेले में स्वीप की गतिविधियों का संचालन किया है। इस बार कुछ जगहों पर आदिवासी संगठनों ने भौंगर्या हाट बाजार में शराब दुकानों से शराब की बिक्री होने नहीं दी। इसके साथ ही आदिवासियों के लोकपर्व भगोरिया में आधुनिकता और पंरपरा दोनों का मिलाप देखने को मिलाहै। अलीराजपुर जिले के गांव वालपुर में लगे भगोरिया मेले में महिलाओं ने खरीदी में विशेष रुचि दिखाई। रंग-बिरंगे परिधानों से सजी महिलाएं परंपरागत सामान के साथ ही आधुनिक चीजों की भी खरीदी करती देखी गईं। जिले के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में भगोरिया मेले लगने का सिलसिला जारी है।
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परंपरा के साथ चुनावी रंग में रंगा भगोरिया -कैमरों से हो रही है निगरानी