डायबिटीज के मरीजों को मीठा खाने में सतर्कता बरतना होगा
-शुगर का स्तर कम रखने के लिए अब कम दवा लेने की जरूरत
अमेरिकन कॉलेज ऑफ फिजीशियन की ओर से हाल ही में जारी दिशा-निर्देश में डायबिटीज के मरीजों के ब्लड शुगर के निर्धारित स्तर में राहत प्रदान की गई है। हालांकि इसके साथ ही डायबिटीज के मरीजों को मीठे के सेवन में सतर्कता बरतने की हिदायत दी गई है, मगर उन्हें शुगर का स्तर कम रखने के लिए अब कम दवा लेने की जरूरत होगी। डॉक्टरों को सुझाव दिया गया है कि अगर उनके मरीज की शुगर पूर्व निर्देशित स्तर पर है तो उनकी दवाओं की मात्रा कम की जा सकती है। कहा गया है कि कुछ मरीजों, जैसे कि उम्रदराज लोगों में ब्लड शुगर के सख्त नियंत्रण से कोई खास फायदा नहीं होगा। नए दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों को ए1 सी ब्लड टेस्ट के आधार पर अपना ब्लड शुगर का स्तर सात से आठ फीसदी के बीच रखने कोशिश करनी चाहिए, न कि साढ़े छह से सात फीसदी के बीच। टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों के कम शुगर वाली डाइट से जरूरत से ज्यादा भूख या थकान को दूर करने में मदद मिलती है। इससे उनमें हृदय संबंधी बीमारियों या अल्जाइमर होने का खतरा भी कम होता है। मरीज का ब्लड शुगर का स्तर नियंत्रण है या नहीं, यह देखने के लिए उनके पिछले तीन माह का ब्लड शुगर स्तर मापा जा सकता है। सात से आठ फीसदी के बीच रहने पर उनकी दवाएं कम की जा सकती हैं। इस ताजा शोध के बाद टाइप-2 डायबिटीज के शिकार मरीज अब राहत की सांस ले सकते हैं। उन्हें मीठे से परहेज करने में जल्द राहत मिल सकती है। इसके साथ ही शुगर का स्तर सामान्य रखने के लिए ली जाने वाली दवाओं के भी कम होने की उम्मीद है।
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डायबिटीज के मरीजों को मीठा खाने में सतर्कता बरतना होगा