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विटामिन के-2 से महिलाओं में हडडी की समस्या होती है कम

विटामिन के-2 से महिलाओं में हडडी की समस्या होती है कम

विटामिन के-2 से महिलाओं में हडडी की समस्या होती है कम
-हृदय संबंधी रोगों में आराम देता है यह विटामिन
 विटामिन के-2 के सेवन से महिलाओं में बढ़ती उम्र के साथ होने वाली हड्डियों की समस्या में भी कमी आती है। यह धमनियों की अकड़न को कम करके हृदय संबंधी रोगों में आराम देता है। इतना ही नहीं विटामिन के-2 त्वचा के प्राकृतिक लचीलेपन को भी बचाता है। इस तरह यह विटामिन प्राकृतिक तौर पर बढ़ती उम्र के लक्षणों को रोकने में मदद करता है। यह वसा में घुलने वाला विटामिन है। यह विटामिन खून का थक्का जमने और हृदय संबंधी समस्याओं में लाभकारी होता है। साथ ही शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। विटामिन के दो तरह के होते हैं। पहला विटामिन के-1 यह मुख्यत: हरी सब्जियों जैसे पालक, पत्ता गोभी और ब्रोकली में पाया जाता है। विटामिन के-2 मांस, अंडे और डेयरी उत्पादों में पाया जाता है। विटामिन के-1 चोट लगने पर खून का थक्का जमने देने में अहम भूमिका निभाता है। वहीं विटामिन के-2 शरीर के सभी हिस्सों में जरूरी मात्रा में केल्शियम पहुंचाता है। शोध के अनुसार हर तीन में से एक व्यक्ति में विटामिन के-2 की कमी पाई जाती है। आमतौर पर वृद्ध लोगों में इसकी कमी अधिक पाई जाती है। हाई ब्लड प्रेशर, टाइप-2 डायबिटीज, किडनी और कार्डियोवस्कुलर रोगों से पीड़ित लोगों में भी इसकी कमी हो सकती है। विटामिन के की कमी के कारण भूख में कमी और बढ़ती उम्र के लक्षण दिखने जैसी समस्याओं से जूझना पड़ सकता है। छोटी-मोटी खरोंचो से भी खून का लगातार बहना, दांतों से खून आना, कमजोर मसूड़े, कमजोर हड्डियां और हृदय संबंधी समस्याएं होने का कारण विटामिन के की कमी हो सकती है। ज्यादा एंटीबायोटिक्स का सेवन भी शरीर में विटामिन के-2 के बनने में बाधा बनता है, क्योंकि यह पेट में मौजूद अच्छे बैक्टिरिया पर असर डालता है। महिलाओं को किशोरावस्था और मेनोपॉज के समय विटामिन के-2 की आवश्यकता अधिक होती है। उन्हें औसत से कुछ ज्यादा कैल्शियम की आवश्यकता होती है। वहीं दूसरी ओर विटामिन के-2 त्वचा में मौजूद इलास्टिन (रेशेदार प्रोटीन) में अतिरिकत कैल्शियम को पहुंचने से भी रोकता है। शोध में यह खुलासा भी हुआ है कि त्वचा पर ज्यादा झुर्रियों वाली महिलाओं को हड्डियों से जुड़ी समस्याएं अधिक थीं। वहीं एक अन्य अध्ययन के मुताबिक जापानी महिलाओं में दुनिया के अन्य हिस्सों की महिलाओं की अपेक्षा झुर्रियां कम होती हैं। इसका कारण उनके खान-पान को माना जाता है। वे अपने भोजन में सोयाबीन से बने खाद्य पद्धार्थ ज्यादा लेती हैं, जिनमें विटामिन के प्रचुर मात्रा में होता है। कई अध्ययनों में सामने आया है कि बड़ी संख्या में लोगों में विटामिन के-2 कमी भी पाई जाती है। धमनियों, नसों और कोशिकाओं को कैल्सिफिकेशन से बचाने के लिए विटामिन के का सेवन बेहद जरूरी है। 

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