रीढ़ की चोट के शिकार की उम्मीद बने साइबॉर्ग पैर
अमेरिकी विशेषज्ञों ने एक ऐसा रोबोटिक सूट बनाने का दावा किया है जिसकी मदद से रीढ़ की हड्डी में चोट के शिकार मरीज फिर से अपने पैरों पर खड़े हो सकेंगे। मरीज इन्हें अपने दिमाग से संचालित कर सकेंगे। साइबॉर्ग सूट का परीक्षण फ्लोरिडा के जैकसनविले में ब्रुक्स साइबरनेटिक ट्रीटमेंट सेंटर में किया जा रहा है। यह कमर के नीचे पहनने वाला सूट है और यह चलने में असमर्थ लोगों को फिर से चलने में मदद करेगा। जापानी कंपनी एचएएल रोबोट सूट का निर्माण 2009 से कर रही है और हाल ही में इसे फूड एंड ड्रग एसोसिएशन से मंजूरी मिली है। रीढ़ की हड्डी में चोट लगने से चलने में असमर्थ लोग जब इस पहनेंगे तो यह सूट उनके बायो इलेक्ट्रिक सिग्नल की मदद से हरकत करेगा। उनकी कोशिकाएं अंग या सेल प्रणालि सूट को संदेश भेजेगी, जो मस्तिष्क से मांसपेशियों तक पहुंचते हैं। एचएएल में लगे सेंसर इन्हें ग्रहण कर चलने में सहायता प्रदान करेंगे। रोबोट सूट पहनने वालों को बिना किसी मदद के चलने, खड़े होने और बैठने में राहत होगी। इसमें एक रिमोट भी लगा है, जिससे पहनने वाला शख्स रोबो सूट को शुरू या बंद कर सकता है। वे इसकी सेटिंग में बदलाव भी कर सकते हैं।
आरोग्य
रीढ़ की चोट के शिकार की उम्मीद बने साइबॉर्ग पैर