वैश्विक आंतकवाद के खिलाफ अब दुनियाके देश एक जुट होने लगे हैं। अब ब्रिक्स के इस वर्ष के अंत में होने वाले वार्षिक शिखर सम्मेलन में आतंकवाद रोधी सहयोग पर चर्चा की जाएगी। ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका ब्रिक्स के सदस्य हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह मुद्दा 14 से 15 मार्च के बीच ब्राजील के शहर कुरीतिबा में संपन्न ब्रिक्स शेरपा बैठक में भी उठाया गया था। ब्राजील इस समूह का वर्तमान प्रमुख है जो 3.6 अरब से अधिक या विश्व की आधी आबादी का प्रतिनिधित्व करता है और उनके पास कुल 16.6 खरब अमरीकी डॉलर का संयुक्त मामूली जीडीपी है।
विदेश मंत्रालय ने कहा, यह उल्लेखनीय है कि ब्राजील ने अपने अध्यक्ष पद के तहत ब्रिक्स में आतंकवाद की रोकथाम को प्राथमिकता देने की ठानी है। ब्राजील की अध्यक्षता में अंतरराष्ट्रीय अपराध और आतंकवाद का मुकाबला करने के साथ-साथ विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार, डिजिटल अर्थव्यवस्था, न्यू डेवलपमेंट बैंक और ब्रिक्स बिजनेस काउंसिल आदि प्राथमिक मुद्दों में शामिल हैं। बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्रालय में सचिव (आर्थिक मामलों के) टीएस तिरुमूर्ति ने किया था। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकवादी हमले के बाद से ही भारत ने आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने के लिए कूटनीतिक प्रयास तेज कर दिए हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा, ब्राजील द्वारा तैयार प्राथमिकता सूची के लिए, खास कर ब्रिक्स के सदस्य देशों के साथ सार्थक एवं ठोस तरीके से, आतंकवाद रोधी सहयोग को आगे बढ़ाने के बारे में भारत ने अपना समर्थन जाहिर किया है। मंत्रालय के अनुसार, भारत ने आपसी संपर्क, विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार में तथा स्वास्थ्य एवं परंपरागत दवाओं के क्षेत्र में सहयोग को आगे बढ़ाने की जरूरत रेखांकित की है।
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ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में आतंकवादरोधी सहयोग को मिलेगी वरीयता