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संयुक्त रूप से मकान खरीदने के कई फायदे, मिल सकती 4 तरह के करों में छूट

संयुक्त रूप से मकान खरीदने के कई फायदे, मिल सकती 4 तरह के करों में छूट

 ‘छोटा सा घर होगा बादलों की छांव में’ यह फिल्मी गीत 70के दशक का है पर आज भी हर आदमी की चाह एक अदद अपना घर हो का रहता है। लेकिन अब सरकार विभिन्न प्रकार के टैक्स फायदे देकर लोगों के मकान खरीदने के सपने को साकार करने में मदद कर रही है। अहम बात यह है कि मिलकर खरीदे गए मकान पर उसी लागत के लिए ज्यादा टैक्स छूट मिलती है। आप मकान जॉइंट रूप से भी खरीद सकते हैं, इसके लिए जरूरी नहीं कि वे आपके माता-पिता या जीवनसाथी ही हों। वे आपके रिश्तेदार, दोस्त या सहयोगी भी हो सकते हैं।
इनकम टैक्स के अधिनियम के अनुसार, होम लोन के इंट्रेस्ट के भुगतान पर आप टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं। अगर मकान में खुद रहते हैं, तो इंट्रेस्ट के भुगतान पर साल में 2 लाख रुपये तक के टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं। लेकिन अगर मकान को किसी के साथ मिलकर खरीदा है, तो मकान में हिस्सेदार दोनों व्यक्ति 2-2 लाख रुपये तक के टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं। मिलकर खरीदे गए मकान से मिलने वाले किराये की आमदनी पर दोनों को कर छूट का लाभ मिलेगा। इस मामले में दोनों मालिकों के बीच किराये की आमदनी बंट जाएगी। अगर एक को-ओनर निचले टैक्स स्लैब में आता है, तो वह अपने हिस्से की किराये की आमदनी पर कम टैक्स रेट का फायदा उठा सकता है।
घर बेचने पर कैपिटल गेंस पर टैक्स लगता है। आयकर कानून की धारा 54 के तहत अगर कोई व्यक्ति निर्धारित समय के अंदर इस रकम से दूसरा घर खरीदता है, तो नए घर में निवेश की गई रकम टैक्सेबल कैपिटल गेंस से घट जाती है। मकान संयुक्त रूप से खरीदने पर दोनों को-ओनर के लिए कैपिटल गेंस को अलग-अलग कैलकुलेट किया जाएगा। इस तरह दोनों इस प्रावधान का फायदा उठाकर टैक्सेबल कैपिटल गेंस से पीछा छुड़ा सकते हैं।
सेक्शन 54ईसी के तहत मकान की बिक्री से हुए कैपिटल गेंस को खास बॉन्डों में निवेश करने पर 50 लाख रुपये तक टैक्स छूट का दावा किया जा सकता है। भारत, खासतौर से महानगरों में रियल एस्टेट के दामों को देखते हुए कैपिटल गेंस को कवर करने के लिए शायद 50 लाख रुपये की टैक्स छूट पर्याप्त नहीं हो। 50 लाख रुपये से ज्यादा के कैपिटल गेंस पर टैक्स देना पड़ता है। हालांकि, प्रॉपर्टी अगर मिलकर खरीदी गई है, तो दोनों को-ओनर अलग-अलग निर्धारित बॉन्डों में निवेश कर सकते हैं। निवेश पर उन्हें अलग-अलग 50-50 लाख रुपये के कर छूट का लाभ मिलेगा। सेक्शन 54ईसी के तहत नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) और रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉरपोरेशन (आरईसी) के बॉन्डों में निवेश किया जा सकता है। 

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