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टीकमगढ़ सीट पर क्या हैट्रिक लगा पाएंगे मोदी के मंत्री - इस बार क्या कांग्रेस का खुलेगा खाता

टीकमगढ़ सीट पर  क्या हैट्रिक लगा पाएंगे मोदी के मंत्री  - इस बार क्या कांग्रेस का खुलेगा खाता

मध्य प्रदेश की टीकमगढ़ लोकसभा सीट पर अब तक 2 चुनाव हुए हैं। इन दोनों ही चुनावों में भाजपा के वीरेंद्र कुमार ने जीत हा‎‎सिल की है। वीरेंद्र केंद्र की मोदी सरकार में राज्यमंत्री हैं। वह पहली बार 1996 में सागर लोकसभा सीट से चुनाव जीते थे। वीरेंद्र कुमार अपनी सादगीभरे व्य‎क्तित्व के ‎लिए जाने जाते हैं। वह 6 बार लोकसभा के सांसद रह चुके हैं। ऐसे में उनकी नजर 2019 के चुनाव में फिर विजय हासिल करने और यहां पर हैट्रिक लगाने पर होगी। टीकमगढ़ लोकसभा सीट परिसीमन के बाद 2008 में अस्तित्व में आई। यह सीट अनुसूचित जाति के उम्मीदवार के लिए आरक्षित है। पूरे टीकमगढ़ जिले को कवर करने वाली यह सीट छतरपुर के कुछ हिस्सों तक भी फैली हुई है। 2009 में हुए यहां पर पहले चुनाव में भाजपा के वीरेंद्र कुमार ने जीत हासिल की। उन्होंने कांग्रेस के अहीरवार वृन्दावन को हराया।
वहीं अगली बार 2014 में वीरेंद्र कुमार जीत हासिल करने में ‎फिर कामयाब रहे। इस बार उन्होंने कांग्रेस के कमलेश वर्मा को शिकस्त दी। यहां पर दो चुनाव हुआ और दोनों में वीरेंद्र कुमार का जादू चला है। टीकमगढ़ लोकसभा सीट के अंतर्गत विधानसभा की 8 सीटें आती हैं। टीकमगढ़, निवारी, छतरपुर, जतारा, खरगापुर, बीजावर, पृथ्वीपुर और महाराजपुर, ये वो विधानसभा सीटें हैं जो टीकमगढ़ लोकसभा सीट के अंतर्गत आती हैं। इन 8 में से 4 पर भाजपा , 3 पर कांग्रेस और 1 पर समाजवादी पार्टी का‎बिज है। 2014 के चुनाव में वीरेंद्र कुमार ने कांग्रेस के कमलेश वर्मा को हराया था। वीरेंद्र कुमार को इस चुनाव में 4,22,979 वोट मिले थे तो वहीं कमलेश वर्मा को 2,14,248 वोट मिले थे। वीरेंद्र कुमार ने 2,08,731 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी। इस चुनाव में समाजवादी पार्टी के डॉ।अंबेश 47,497 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर थे।
2009 के चुनाव में भी इस सीट पर बीजेपी के वीरेंद्र कुमार ने जीत हासिल की थी। उन्होंने इस बार कांग्रेस के अहीरवार वृन्दावन को हराया था। इस चुनाव में वीरेंद्र कुमार को 2,00,109 वोट मिले थे तो वहीं अहीरवार वृन्दावन को 1,58,247 वोट मिले थे।टीकमगढ़ टीकम (श्री कृष्ण का एक नाम)से टीकमगढ़ पड़ा है। टीकमगढ़ जिला बुंदेलखंड क्षेत्र का एक हिस्सा है। यह जामनी, बेतवा और धसान की एक सहायक नदी के बीच बुंदेलखंड पठार पर है। चुनाव आयोग के आंकड़े के मुताबिक 2014 के चुनाव में यहां पर 15,29,003 मतदाता थे। इसमें से 7,08,095 महिला मतदाता और 8,20,908 पुरुष मतदाता थे। 2014 के चुनाव में इस सीट पर 50.12 फीसदी वोटिंग हुई थी। संसद में वीरेंद्र कुमार ने 96 प्र‎तिशत उपस्थिति दर्ज कराई है। वीरेंद्र कुमार ने 157 बहस में हिस्सा भी लिया। इसके अलावा उन्होंने संसद में 351 सवाल भी किए। उन्होंने अस्पताल में बिस्तरों की कमी, एयरपोर्ट का आधुनिकीकरण, एसिड अटैक पीड़िता को मुआवजे को लेकर संसद में सवाल किए।  वीरेंद्र कुमार को उनके निर्वाचन क्षेत्र के विकास के लिए 22.50 करोड़ रुपये आवंटित हुए थे। जो कि ब्याज की रकम मिलाकर 22.81 करोड़ हो गई थी। इसमें से उन्होंने 18.15 यानी मूल आवंटित फंड का 78.87 प्र‎तिशत खर्च किया। उनका करीब 4.66 करोड़ रुपये का फंड बिना खर्च किए रह गया।

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