बिहार- पीके और नीतीश आमने-सामने, जेडीयू का पलटवार- लालू नहीं तो क्या ट्रंप से करें तुलना
बिहार की सियासत में नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर के बीच सीधी लड़ाई शुरू हो गई है। मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार पर कई आरोप लगाए। इसके तुरंत बाद जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) नेता अजय आलोक ने आरोपों का पलटवार करते हुए प्रशांत किशोर से ही सवाल पूछे। जेडीयू नेता अजय आलोक ने कहा कि प्रशांत किशोर बिहार के बारे में कुछ नहीं जानते हैं। वह कह रहे हैं कि बिहार में हमने 10,000 मुखिया बनाए, तथ्य यह है कि बिहार में केवल करीब 8,000 ग्राम पंचायत हैं। 2012 और 2014 में जब वह गुजरात में भाजपा के लिए चुनाव प्रचार कर रहे थे तो उनकी विचारधारा कहां थी। प्रशांत किशोर पर हमला बोलते हुए जेडीयू नेता अजय आलोक ने कहा कि वह कह रहे हैं कि नीतीश कुमार हमेशा लालू की विरासत के साथ तुलना करते हैं। फिर क्या हमें बिहार सरकार की तुलना डोनाल्ड ट्रंप से करनी चाहिए। हमने लालू प्रसाद से विरासत ली है, इसलिए आज हम केवल लालू सरकार से तुलना कर सकते हैं।
अजय आलोक ने प्रशांत किशोर को मानसिक रूप से अस्थिर बताते हुए कहा कि जब कोई मानसिक रूप से अस्थिर होता है तो इस तरह की बात करता है। एक तरफ प्रशांत किशोर ने कहा नीतीश कुमार मेरे लिए पितातुल्य हैं, लेकिन दूसरी तरफ वह नीतीश कुमार की कमियों को बता रहे हैं, जो सच नहीं है।
जेडीयू नेता केसी त्यागी ने भी प्रशांत किशोर पर निशाना करते हुए कहा कि नीतीश कुमार केवल गांधी, लोहिया, जेपी की विचारधारा का पालन करते हैं। प्रशांत किशोर राजनीतिक व्यक्ति नहीं हैं, इसलिए हम उन्हें बहुत अधिक महत्व नहीं दे रहे हैं। नीतीश कुमार पिछलग्गू नहीं हैं। बेहतर होता कि वह राजनीतिक दल बनाते और नीतीश कुमार को चुनौती देते। जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार भाजपा के पिछलग्गू बन गए हैं। वह सत्ता के लिए हर बार समझौता कर रहे हैं। नीतीश कुमार आज उन लोगों के साथ खड़े हैं, जो नाथूराम गोडसे की विचारधारा को मानते हैं। महात्मा गांधी और गोडसे एक साथ नहीं चल सकते हैं।