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बीमा‎रियों का कारण बन सकता है ‎सिक्का

बीमा‎रियों का कारण बन सकता है ‎सिक्का

बीमा‎रियों का कारण बन सकता है ‎सिक्का
- ‎सिक्के पर चिपके होते हैं 12 तरह के फंगी
 एक हाथ से दूसरे हाथ में जाने वाला सिक्का लोगों में कई तरह की बीमा‎रियां पैदा कर सकता है। एमएस यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ एनवायरनमेंटल स्टडीज़ के एक शोध में पता चला है कि सिक्कों पर कई तरह के फंगी (कवक) पाए जाते हैं, जो बीमारियों का कारण बन सकते हैं। यहां के स्टूडेंट्स ने करीब 100 सिक्कों का अध्ययन किया। तीन को छोड़कर बाकी सभी पर छोटे-छोटे जीवाणु और फंगी पाए गए। इन पर 12 अलग-अलग तरह के फंगी थे। अइस प्रयोग में जिन सिक्कों को उपयोग में लाया गया, वे लोहे, क्रोमियम, चांदी, तांबे, निकेल और जिंक से बने थे। प्रयोग में सामने आया कि दो तरह के फंगी ऐस्परगिलस निगर और पेनिसिलियम सिम्पलिसिसिमम प्रमुख तौर पर सिक्कों की सतह पर मौजूद थे। इसके अलावा सिक्कों पर फ्यूजेरियम, रिजोपस और अल्टरनेरिया एसपीपी जैसे फंगी भी सिक्कों पर पाए गए।'
ऐस्परगिलस निगर जैसे फंगी ऑर्गैनिक ऐसिड बनाते हैं, जो सिक्के की सतह को गला देता है और कई तरह की त्वचा संबंधी समस्याओं का कारण होता है। इसके चलते त्वचा से जुड़ी ऐलर्जी, छींक, आंखों से आंसू और शरीर में चकत्ते पड़ने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। अगर किसी शख्स का इम्यून सिस्टम कमजोर है या उसे कैंसर, टीबी जैसी बीमारी है या फिर कमजोर इम्यून सिस्टम के बावजूद उसका ट्रांसप्लांट हुआ हो, तो ऐसे में ये फंगी उसके फेफड़े में घर बना सकते हैं और धीरे-धीरे बढ़ते जाते हैं। इससे फेफड़े बुरी तरह प्रभावित होते हैं।

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