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पूरे भारत में होने चाहिए दिल्ली जैसे मोहल्ला क्लीनिक: महिला उद्यमी किरण मजूमदार शॉ

पूरे भारत में होने चाहिए दिल्ली जैसे मोहल्ला क्लीनिक: महिला उद्यमी किरण मजूमदार शॉ

पूरे भारत में होने चाहिए दिल्ली जैसे मोहल्ला क्लीनिक: महिला उद्यमी किरण मजूमदार शॉ
- दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक का किरण मजूमदार शॉ ने किया दौरा
- मोहल्ला क्लीनिक देखने के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल से भी मिलीं
एशिया के प्रमुख बायोफर्मासिटिकल कंपनी बायोकॉन की संस्थापक और प्रबंध निदेशक किरण मजूमदार शॉ ने बुधवार को दिल्ली सचिवालय में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की। इससे पहले किरण मजूमदार शॉ ने बुधवार को दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक का दौरा किया। उन्होंने मोहल्ला क्लीनिक की मुक्त कंठ से तारीफ की। उन्होंने कहा कि पूरे भारत में दिल्ली जैसे मोहल्ला क्लीनिक होने चाहिए।उन्होंने दिल्ली में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं स्थापित करने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को धन्यवाद दिया। किरण मजूमदार शॉ बुधवार को साकेत के मोहल्ला क्लीनिकों का दौरा करने पहुंचे। जहां उन्होंने दिल्ली स्वास्थ्य सेवा मॉडल की सराहना करते हुए कहा कि मोहल्ला क्लीनिक की स्थापना सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज के सतत विकास लक्ष्य का प्राप्त करने की दिशा में बेहतर कदम है।उन्होंने ट्वीट कर कहा कि, दिल्ली साकेत में एक मोहल्ला क्लिनिक में गई, जो बेहद प्रभावशाली था। बहुत साफ सुथरा और अच्छी तरह से संचालित हो रहा था। मैंने वहां लोगों से बात की, जिन्होंने कहा कि यह मोहल्ला क्लीनिक एक वरदान है। इस मॉडल को पूरे देश में लागू करने की जरूरत है। "उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मॉडल को देश भर के अन्य राज्यों को हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार करने और लोगों की हेल्थकेयर तक पहुंच को बेहतर करने के लिए इस्तेमाल करना चाहिए। 
किरण मजूमदार शॉ ने कहा मुझे साकेत में मोहल्ला क्लिनिक में जाकर बेहद खुशी हुई। मुझे यह कहना चाहिए कि जिस तरह से इसकी कल्पना की गई है उससे मैं बहुत प्रभावित हुई। जिस तरह से यह लोगों की सेवा कर रहा था, लोग वहां आ सकते हैं, अपने रोग की जांच करवा सकते हैं, डॉक्टर से परामर्श ले सकते हैं, अपने रक्त के नमूने दे सकते हैं और 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट प्राप्त कर सकते हैं, यह वास्तव में मुझे बेहद प्रभावित किया।  मोहल्ला क्लीनिक इतना साफ सुथरा और व्यवस्थित है कि उसकी कल्पना भी असाधारण है। मुझे लगता है प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा के लिए यह बहुत बड़ा वरदान है। उन्होंने यह भी कहा कि जैसा कि लोग जानते हैं कि प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा सार्वभौमिक स्वास्थ्य सेवा का एक बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है, यह लोगों का शीघ्र निदान, जागरूकता पैदा करना, टीकाकरण करने का प्रारंभिक स्तर है। यह पहली सीढ़ी है। सभी रोगियों को माध्यमिक और उच्च स्वास्थ्य केंद्रों में जाने से पहले यहां आना चाहिए। पॉलीक्लिनिक्स भी इसका एक हिस्सा है, और मुझे लगता है कि यह एक उत्कृष्ट योजना है। अन्य राज्यों को इसका अनुकरण करना चाहिए और हमें इसे पूरे देश में लागू करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि स्वास्थ्य सेवा एक ऐसी चीज है, जिस पर भारत को ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है। किरण मजूमदार शॉ ने कहा कि सामान्य रूप से कोरोना समेत किसी भी वायरस के शुरुआती लक्षणों का पता लगाने की आवश्यकता पर जोर दिया, जिससे किसी भी स्वास्थ्य सेवा संकट को प्रभावी ढंग से रोका जा सके। उसने कहा कि आज हमारे पास कोरोनो वायरस संकट है, जो पूरी दुनिया को चिंतित कर रहा है अगर आपके पास बहुत प्रभावी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं तो आप पहले किसी भी रोगी का निदान कर सकते हैं जो किसी भी वायरल बुखार के लक्षण देख सकते हैं। मोहल्ला क्लीनिक जैसी व्यवस्था बड़ी आबादी को टीकाकरण करने के लिए टीका उपलब्ध कराने में भी सहायक है। किरण मजूमदार शॉ ने मोहल्ला क्लीनिक व्यवस्था लागू कराने में शामिल सभी लोगों की बधाई दीं। साथ ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी की जमकर तारीफ कीं।
- कौन है किरण मजूमदार शॉ
किरण मजूमदार शॉ (जन्म: 23 मार्च 1953) एक भारतीय महिला व्यवसायी, टेक्नोक्रेट, अन्वेषक और बायोकॉन की संस्थापक है।  बायोकॉनअग्रणी जैव प्रौद्योगिकी संस्थान है, जो बंगलूरू में स्थित है। किरण मजूमदार शॉ बायोकॉन लिमिटेड की अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक तथा सिनजीन इंटरनेशनल लिमिटेड और क्लिनिजीन इंटरनेशनल लिमिटेड की अध्यक्ष हैं। उन्होंने 1978 में बायोकॉन को शुरू किया और उत्पादों के अच्छी तरह से संतुलित व्यापार पोर्टफोलियो तथा मधुमेह, कैंसर-विज्ञान और आत्म-प्रतिरोध बीमारियों पर केंद्रित शोध के साथ इसे एक औद्योगिक एंजाइमों की निर्माण कंपनी के रूप में विकासित कर पूरी तरह से एकीकृत जैविक दवा कंपनी बनाया। उन्होंने दो सहायक कंपनियों की भी स्थापना की। खोज अनुसंधान हेतु विकास सहायक सेवाएं प्रदान करने के लिए सिनजीन (1994) और नैदानिक विकास सेवाओं को पूरा करने के लिए क्लिनिजीन (2000)। किरण मजूमदार शॉ जैव प्रौद्योगिकी को एक क्षेत्र के रूप में बढ़ावा देने में रुचि रखती हैं। भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सलाहकार परिषद की एक सदस्य के रूप में, उन्होंने भारत में जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विकास के मार्गदर्शन के लिए भारत सरकार, उद्योग और शिक्षा को एक साथ लाने में एक निर्णायक भूमिका निभाई है। इस क्षेत्र में अपने अग्रणी कार्यों के लिए उन्हें भारत सरकार से प्रतिष्ठित पद्मश्री (1989) और पद्म भूषण (2005) समेत कई पुरस्कार मिले हैं।  कुछ समय पहले टाइम पत्रिका के दुनिया के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची में इनका नाम भी शामिल किया गया था। वे दुनिया की 100 सबसे शक्तिशाली महिलाओं की फोर्ब्स की सूची और फाइनेंशियल टाइम्स के कारोबार में शीर्ष 50 महिलाओं की सूची में भी शामिल हैं।

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