न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न ने ग़मगीन माहौल में संसद के सत्र की शुरुआत करते हुए मुसलमानों को ''अस्सलाम अलैकुम' कहते हुए शांति का संदेश दिया। इसके साथ ही 50 लोगों को मौत की नींद सुलाने वाले हमलावर का नाम कभी न लेने का संकल्प जताया। अर्डर्न ने शोकाकुल लोगों से कहा वह देश के कानून का सामना करेगा। साथ ही प्रधानमंत्री ने वादा किया कि इस हमलावर का नाम बिल्कुल नहीं लिया जाएगा ताकि उस किसी भी तरह का प्रचार न मिल सके।
पीएम जेसिंडा ने कहा कि 28 वर्षीय हमलावर के बारे में कहा कि उसने जो किया, उसके कई उद्देश्य थे जिनमें एक कारण सुर्खियां बटोरना भी था। इसकारण आप कभी भी मेरे मुंह से उसका नाम नहीं सुनने वाले है। वह एक आतंकवादी है, वह एक अपराधी है, वह एक चरमपंथी है। काले रंग के परिधान पहने 38 वर्षीय अर्डर्न ने अपने संबोधन की शुरुआत में कहा ''वा अलैकुल सलाम वा रहमतुल्लाही वा बरकतुह... अल्लाह की दुआ, अमन और रहम आप सब पर बना रहे।
बात दे कि हमले में मारे गए लोगों की पहचान और उनके फॉरेसिंक दस्तावेजीकरण की प्रक्रिया में समय लगने की वजह से अब तक मृतकों को दफनाया नहीं जा सका है। इस्लामिक परंपरा के अनुसार, आमतौर पर मौत के 24 घंटे के अंदर शव को दफना दिया जाता है। मृतकों के परिजन अंतिम संस्कार की रस्में पूरी करने के लिए एकत्र हो रहे हैं। हालांकि कुछ शवों की पहचान अब तक नहीं हो पाई है।
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न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा ने कहा, उस हमलावार का नाम कोई नहीं लेगा