उद्धव ने कहा महाराष्ट्र में लागू होगा एनपीआर, कांग्रेस ने उद्धव को याद दिलाया गठबंधन धर्म
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को राज्य में नेशनल पॉप्यूलर रजिस्टर (एनपीआर) प्रक्रिया लागू करने में कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन इसके बाद शिवसेना की महाराष्ट्र में गठबंधन सहयोगियों एनसीपी व कांग्रेस के साथ तकरार की स्थिति पैदा हो गई है। कांग्रेस आलाकमान ने ठाकरे के एनपीआर लागू करने को लेकर दी गई सहमति पर नाराजगी जाहिर की है। इसके साथ ही उन्हें याद दिलाया कि वह महाराष्ट्र में गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं।
कांग्रेस महासचिव और महाराष्ट्र प्रभारी मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा,हमारा स्टैंड साफ है, हम एनपीआर लागू नहीं करने वाले है। उद्धव ठाकरे ने जो भी कहा है,वहां उनका व्यक्तिगत मत है। उन्होंने कहा,हम ठाकरे को बता दें कि कोई भी फैसला तीनों गठबंधन दलों को एकसाथ लेना चाहिए। उन्हें राज्य में एनपीआर को लागू करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए। वहीं, शिवसेना सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री ठाकरे ने एनपीआर पर बहुत सोच-समकर फैसला लिया है। इस वापस नहीं लिया जाएगा। साथ ही कहा कि एनपीआर और भीमा कोरेगांव मामलों पर अलग-अलग रुख को लेकर गठबंधन सरकार को कोई खतरा नहीं है।
ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार राज्य में एनपीआर के लिए डाटा कलेक्शन में कोई रुकावट नहीं डालेगी। उन्होंने कहा कि एनपीआर नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (एनआरसी) से अलग है। एनपीआर जनगणना का हिस्सा है। एनपीआर को हर 10 साल में अपडेट किया जाता है। इसके साथ ही कहा कि उनकी सरकार राज्य में एनसीआर को समर्थन नहीं करेगी। जब ठाकरे से नागरकिता संशोधन कानून 2019 पर सवाल पूछा गया,तब उन्होंने कहा कि इससे किसी भारतीय पर बुरा असर नहीं पड़ेगा।
वहीं कांग्रेस नेता खड़गे ने कहा कि एनपीआर और जनगणना दोनों अलग हैं। केंद्र सरकार ने एनपीआर में माता-पिता के जन्मस्थान और जन्मतिथि जैसे कई सवाल जोड़ दिए हैं। अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और पिछड़ा वर्ग (बीसी) के अशिक्षित लोग अपने माता-पिता के जन्म स्थान व जन्मतिथि के बारे में नहीं बता पाएंगे।
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