YUV News Logo
YuvNews
Open in the YuvNews app
OPEN

फ़्लैश न्यूज़

रीजनल

अपने पहले वाणिज्यिक सफर पर रवाना हुई काशी-महाकाल एक्सप्रेस

अपने पहले वाणिज्यिक सफर पर रवाना हुई काशी-महाकाल एक्सप्रेस

अपने पहले वाणिज्यिक सफर पर रवाना हुई काशी-महाकाल एक्सप्रेस 
 महाशिवरात्रि के भक्तिमय उल्लास के बीच फूलमालाओं से सजी काशी-महाकाल एक्सप्रेस शुक्रवार को यहां से अपने पहले नियमित वाणिज्यिक सफर पर रवाना हुई। यह रेलगाड़ी भारतीय रेलवे की सहायक कंपनी इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (आईआरसीटीसी) की संचालित देश की तीसरी कॉर्पोरेट ट्रेन है। इंदौर क्षेत्र के भाजपा सांसद शंकर लालवानी ने किसी नए काम के शुभारंभ से जुड़ी हिन्दू रीति के मुताबिक इस ट्रेन के लोकोपायलट (ट्रेन ड्राइवर) कैबिन के बाहर कुमकुम से स्वास्तिक का पवित्र निशान बनाया और यात्री रेलगाड़ी के आगे नारियल फोड़ा। इसके बाद ढोल की थाप के बीच इसे हरी झंडी दिखाकर वाराणसी के लिए रवाना किया गया।  
यह ट्रेन देश में भगवान शिव के तीन ज्योर्तिलिंगों-ओंकारेश्वर (इंदौर के पास स्थित), महाकालेश्वर (उज्जैन) और काशी विश्वनाथ (वाराणसी) को जोड़ती है।
ट्रेन के उद्घाटन सफर के दौरान रविवार को इसके बी-5 डिब्बे में सीट नंबर 64 को भगवान शिव के लिए आरक्षित किए जाने पर विवाद हुआ था। इसके बाद ऊपर की इस सीट (अपर बर्थ) पर अस्थाई तौर पर लगाए गए भगवान शिव के चित्र पहले ही हटा दिए गए हैं। अब रेल कर्मचारियों ने ट्रेन की पैंट्रीकार में देवी-देवताओं के चित्र लगाए हैं। इस बारे में पूछे जाने पर लालवानी ने कहा,  यह भावनाओं की बात है। रेल कर्मचारियों ने अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए पैंट्रीकार में महाकाल का मंदिर बनाया है। इंदौर से ट्रेन के शुक्रवार को रवाना होने से पहले भी इस मंदिर में पूजा-अर्चना की गयी है। इस मंदिर में रोज पूजा-अर्चना की जाएगी। 
इस बीच, आईआरसीटीसी के एक प्रवक्ता ने बताया कि जब यह ट्रेन इंदौर से वाराणसी के लिए रवाना हुई, तब इसकी 648 में से 510 सीटें बुक हो चुकी थीं। यात्री ट्रेन के आगे के सफर के दौरान भी इसमें सीट बुक करा सकते हैं। काशी-महाकाल एक्सप्रेस को वाराणसी के लिए रवाना किए जाने के दौरान इंदौर रेलवे स्टेशन पर रेल कर्मचारियों ने लाल झंडों के साथ विरोध प्रदर्शन किया। 
रेल कर्मचारी संगठन के नेताओं ने आरोप लगाया कि करदाताओं के धन से बनी रेल पटरियों और भारतीय रेलवे के अन्य बुनियादी ढांचे को सरकार निजी क्षेत्र के उन ट्रेन ऑपरेटरों को सौंपना चाहती है, जो इसका उपयोग कर मोटा आर्थिक फायदा उठाना चाहते हैं। काशी-महाकाल एक्सप्रेस को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी के दौरे में रविवार को वीडियो लिंक के माध्यम से हरी झंडी दिखाकर सफर पर रवाना किया था। 

Related Posts