नींद न आने के लिए नींद की गोलियों का उपयोग इसका उपाय नहीं हैं। नींद का सही रुटीन, एक्सर्साइज और मानसिक शांति इन सभी से आपको बेहतर नींद आ सकती है। अच्छी नींद अच्छे स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है। सोने का एक सा पैटर्न बनाने के लिए हर रात एक ही वक्त पर बिस्तर पर जाएं और सुबह भी उसी वक्त पर उठें, खासतौर पर छुट्टियों में। अपने बेडरूम को शांत, डार्क और ठंडा रखें। सारे इलेक्ट्रॉनिक्स बाहर कर दें और अंदर आने के करीब एक घंटे पहले इनका इस्तेमाल बंद कर दें। इनसे एक खास तरह की रोशनी निकलती है जो आपके शरीर का तारत्मय बिगाड़ देती है। इनसे आपका दिमाग उस वक्त भी अलर्ट रहने लगता है जब आपको सोना होता है। सुबह के वक्त ठीक से एक्सर्साइज करने से नींद बेहतर आती है। नींद न आने की समस्या अगर जटिल हो तो माइंडफुलनेस मेडिटेशन से फायदा मिलता है। इसका फोकस खासतौर पर इन्सोम्निया (नींद न आने की समस्या) या तनाव को कम करना होता है। माइंडफुलनेस प्रक्रिया उन विचारों को निशाना बनाती है जो नींद न आने के पीछे जिम्मेदार होते हैं। आपको फायदा न मिले तो आप कॉन्गनिटिव बिहेविरल थेरपी या जिसे सीबीटी भी कहते हैं, का सहारा ले सकते हैं। इसके लिए आपको किसी ट्रेन्ड थेरपिस्ट की मदद लेनी होगी। इसमें आपके ऐसे नकारात्मक विचारों को बदला जाएगा जो नींद न आने की समस्या की मुख्य वजह है। शोध की मानें तो थेरपिस्ट की सलाह लेकर घर पर 30 से 45 मिनट तो मेडिटेशन करने से बेहतर नींद आ सकती है। अगर आप चाहें तो सेल्फ हेल्प बुक्स की मदद भी ले सकते हैं।