आपने हमेशा देखा होगा कि अगर हमें किसी प्रकार की चिंता, उत्सुकता या फिर व्यग्रता होती है या फिर डिप्रेशन में होते हैं तो हम इसे मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित समस्या समझ लेते हैं, लेकिन हमेशा इन लक्ष्णों के पीछे एक ही बीमारी हो ऐसा नहीं है। स्वास्थ्य संबंधी कई ऐसी समस्याएं हैं जिन्हें हम मानसिक रोग समझ लेते हैं। आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही हेल्थ इशूज़ के बारे में जिनके लक्षण डिप्रेशन जैसे हैं, लेकिन असल में वे गंभीर बीमारियों के संकेत होते हैं। कई बार थायरलॉइड के लक्षणों को डिप्रेशन या फिर व्यग्रता के लक्षण मान लिया जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि थायरॉइड सीधा व्यक्ति के मूड और उसकी लाइफस्टाइल को प्रभावित करता है। कुछ ऐसा ही काम डिप्रेशन भी करता है। इसलिए ज़रूरी है कि टाइम पर थायरॉइड चेक करा लें।
अगर सिफलिस का सही समय पर इलाज न किया जाए तो इससे मस्तिष्क और स्पाइनल कॉर्ड को बुरी तरह प्रभावित कर देता है। इस अवस्था को न्यूट्रोसिफलिस कहा जाता है। इसके लक्षण, जैसे कि कन्फ्यूज़न, डिप्रेशन और याददाश्त कमज़ोर होना, काफी हद तक डिप्रेशन के लक्षणों से मेल खाते हैं। न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर' एक ऐसी स्थिति है, जिसमें शरीर की तंत्रिका कोशिकाओं के हार्मोन उत्पादन में असामान्य वृद्धि होती है। यह ट्यूमर शरीर की आंतों में शुरू होता है। आम तौर पर यह फेफड़ों और अग्नाशय में होता है। यह ट्यूमर बेहद गंभीर है या नहीं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि यह अपनी किस स्टेज पर है। जब शरीर में एड्रीनलीन अत्यधिक मात्रा में प्रोड्यूस होने लगता है तो यह स्थिति पैदा होती है और इसके लक्षण बिल्कुल डिप्रेशन जैसे ही नजर आते हैं, जैसे ही पैनिक अटैक, थकान और व्यग्रता। यह एक संक्रामक बीमारी है जो ब्लैकलेग्ड टिक के काटने से होती है। ये टिक भेड़ और कुत्ते जैसे कई जानवरों में पाए जाते हैं। शुरुआत में इस बीमारी के लक्षणों का पता नहीं चलता और जो लक्षण दिखाई देते हैं वे बिल्कुल डिप्रेशन की अवस्था के लक्षण होते हैं। इसीलिए यह बीमारी और भी खतरनाक है।
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डिप्रेशन नहीं बल्कि कई बीमारियों के लक्ष्ण हैं ये