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मंत्री नितिन गडकरी ने राष्‍ट्रीय एमएसएमई पुरस्‍कार प्रदान किए

मंत्री नितिन गडकरी ने राष्‍ट्रीय एमएसएमई पुरस्‍कार प्रदान किए

मंत्री नितिन गडकरी ने राष्‍ट्रीय एमएसएमई पुरस्‍कार प्रदान किए
केन्‍द्रीय सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम (एमएसएमई) तथा सड़क परिवहन और राष्‍ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार कारोबारी सुगमता के लिए एमएसएमई क्षेत्र में नियमों को सरल बना रही है। गडकरी ने कहा कि रोजगार सृजन की अपार क्षमता वाला यह क्षेत्र निर्यात से अच्‍छी आमदनी में बड़ा योगदान कर रहा है। गडकरी नई दिल्‍ली में एमएसएमई उद्योगों को विभिन्‍न क्षेत्रों में उत्‍कृष्‍ट प्रदर्शन के लिए राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार प्रदान किये जाने के अवसर पर बोल रहे थे। उन्‍होंने कहा कि पुरस्‍कार प्राप्‍त करने वाले उद्यमी देश भर में एमएसएमई उद्यमियों को उत्‍कृष्‍ट प्रदर्शन के लिए प्रोत्‍साहित करेंगे। केन्‍द्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार इस क्षेत्र को वित्त की उपलब्धता बढ़ाने पर काम कर रही है और बैंकों ने इस वर्ष इन्‍हें ऋण देने के मामले में बेहतर काम किया है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि बेहतर प्रदर्शन करने वाले एमएसएमई को पूंजी बाजार से पैसा उठाना चाहिए। गडकरी ने राष्‍ट्रीय एमएसएमई पुरस्‍कार दिए जाने की सराहना करते हुए कहा कि इससे इस क्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन करने वालों को प्रोत्‍साहन मिलता है। उन्‍होंने आश्‍वस्‍त किया कि सरकार एमएसएमई क्षेत्र की बेहतरी के लिए लगातार काम करती रहेगी। उन्‍होंने कहा कि अर्थव्‍यवस्‍था, निर्यात और रोजगार सृजन में आपके योगदान के महत्‍व को देखते हुए मेरा यह मानना है कि देश की भलाई एमएसएमई क्षेत्र की बेहतरी से ही संभव है। मैंने इसी बात को ध्‍यान में रखते हुए अधिकारियों से कहा है कि वे एमएसएमई क्षेत्र के लिए ऐसी योजनाएं और पहलें शुरू करें, जो विकासोन्‍मुख, समग्र और पर्यावरण के अनुकूल हों। उन्‍होंने कहा कि सरकार बेहतर अवसंरचना विकास, वित्‍त की उपलब्‍धता, प्रौद्योगिकी, बाजार और कौशल के माध्‍यम से एमएसएमई क्षेत्र को सशक्‍त बनाना चाहती है। यह सब एक ऐसे माहौल में किया जाना है, जिससे कारोबार सुगम हो सके।
एमएसएमई तथा पशुपालन, मत्‍स्‍य और डेयरी राज्‍य मंत्री प्रताप चन्‍द्र सारंगी ने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र देश के विकास और उन्‍नति में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्‍होंने कहा कि इस क्षेत्र को सीधे निर्यात को बढ़ावा देना चाहिए।
- पीएमईजीपी क्रेडिट से जुड़ी योजना
पीएमईजीपी एक क्रेडिट से जुड़ी सहायता योजना है जो सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना के माध्यम से स्वरोजगार को बढ़ावा देती है। इसमें एमएसएमई मंत्रालय के माध्यम से सरकार  विनिर्माण क्षेत्र में 25 लाख और सेवा क्षेत्र में 10 लाख रुपये तक के ऋण पर 35 प्रतिशत तक छूट देती है। इन दोनों केंद्रीय मंत्रियों ने पिछले वर्षों में इस योजना के तहत बड़ी संख्या में उद्यमों की स्थापना में मदद करने के लिए बैंकों द्वारा किए कार्यों की सराहना की। पिछले वित्तीय वर्ष में ऐसे उद्यमों की सहायता में 2 गुनी बढ़ोत्तरी हुई है और 73,000 सूक्ष्म उद्यमों की सहायता की गई। इस योजना को और बढ़ावा देने के लिए चालू वित्त वर्ष में 80,000 इकाइयों के प्रतिष्ठानों की सहायता करने का लक्ष्य रखा है। अभी तक 46,000 इकाइयों को विभिन्न बैंकों द्वारा ऋण उपलब्ध करा दिए हैं। इसके अलावा बैंकों से 15 मार्च तक 1.18 लाख लंबित ऋण आवेदनों का निपटान करने के लिए अनुरोध किया है। बैंकों से पूर्वोत्तर क्षेत्र पर विशेष ध्यान देने के लिए कहा है। बैंकों द्वारा खारिज किए गए आवेदनों के डेटा विश्लेषण से पता चला कि 11 प्रतिशत प्रस्ताव खारिज कर दिए जाते हैं क्योंकि पीएमईजीपी के तहत स्थानीय बैंकों द्वारा लक्ष्य पूरे कर लिए जाते हैं। इस मुद्दे को हल करने के लिए, बैंकों से अनुरोध किया गया कि वे योजना के तहत ऋण में वृद्धि करें और न्यूनतम लक्ष्य तय करने की अपनी नीति को संशोधित करें, ताकि सभी योग्य आवेदनों की ऋण मंजूरी पर विचार किया जा सके। क्रेडिट गारंटी योजना की पहुंच बढ़ाने पर बैंकों के साथ विचार-विमर्श किया है। सरकार ने इस योजना के तहत क्रेडिट गारंटी 50,000 करोड़ बढ़ाने का लक्ष्य रखा है जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 67 प्रतिशत अधिक है। बैंकों ने कहा कि इस योजना के तहत ऋण की भारी मांग है और वे इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आश्वस्त हैं।

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