सिक्किम लोकसभा क्षेत्र प्रदेश का एकमात्र संसदीय क्षेत्र है। यहां पहली बार 1977 में चुनाव हुआ था। पहली बार हुए चुनाव में यहां से कांग्रेस के छत्र बहादुर छेत्री जीते थे। वे निर्विरोध चुने गए थे। 1980 में हुए दूसरे लोकसभा चुनाव में यहां पर सिक्कम जनता परिषद पार्टी के पहल मान सुब्बा ने जीत दर्ज की थी। लेकिन इसके बाद 1984 के चुनाव में सुब्बा को हार का सामना करना पड़ा था। उस चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी नर बहादुर भंडारी की जीत हुई थी। वहीं 1989 और 1991 के चुनाव में यहां पर सिक्किम संग्राम परिषद के प्रत्याशी नंदू थापा और दिल कुमारी भंडारी की जीत हुई थी।
1996 से अबतक इस सीट पर सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट की लगातार जीत हुई है। भीम प्रसाद दहल 1996 से 2004 तक लगातार यहां से सांसद चुने गए। 2004 के चुनाव में नकुल दास राय को पार्टी ने खड़ा किया और वे चुनाव जीते। 2009 और 2014 के चुनाव में पार्टी ने प्रेम दास राय को मैदान में उतारा और वे दोनों चुनाव जीते। 2014 के चुनाव में प्रेमदास राय को 1,63,698 (52.98फीसदी) वोट मिले थे। दूसरे नंबर पर सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के टेक नाथ धकल रहे थे। उन्हें 1,21,956 वोट मिले थे। सिक्किम में पुरुष मतदाताओं की संख्या 1,90,886 है। महिला मतदाताओं की संख्या 1,79,725 है. कुल मतदाताओं की संख्या 3,08,967 है।
2011 की रिपोर्ट के मुताबिक सिक्किम की कुल जनसंख्या 6,10,577 है। इनमें पुरुषों की संख्या 3,23,070 और महिलाओं की संख्या 2,87,507 है। सेक्स रेशियो की बात करें तो 1000 पुरुषों पर महिलाओं की संख्या 890 है। साक्षरता 81.42 फीसदी है। ग्रामीण आबादी 4,55,962 और शहरी आबादी 1,51,726 है। जनसंख्या घनत्व 86 है। 2011 जनसंख्या रिपोर्ट के मुताबिक, सिक्किम में 62.6 फीसदी नेपाली, 7.6 फीसदी सिक्किमिज (भूटिया), 6.6 फीसदी हिंदी, 6.5 फीसदी लेप्चा, 6.3 फीसदी लिंबू भाषा बोली जाती है। धार्मिक जनसंख्या की बात करें तो यहां सबसे ज्यादा 58 फीसदी हिंदुओं की आबादी है। 27.3 फीसदी लोग बौद्ध धर्म को मानते हैं। करीब 10 फीसदी लोग ईशा मसीह को और 1.4 फीसदी इस्लाम को मानते हैं।
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सिक्किम: 1996 से लगातार जीतती आ रही है सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट