चारों दोषियों की फांसी टली, दुखी मां ने कहा हमारा पूरा सिस्टम अपराधियों की मदद करता
निर्भया के चारों दोषियों की फांसी एक बार फिर टल गई है। चारों दोषियों में से एक पवन की दया याचिका राष्ट्रपति के सामने लंबित होने की वजह से पटियाला हाउस कोर्ट ने फांसी पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। पूर्व आदेश के मुताबिक चारों को 3 मार्च को सुबह 6 बजे फांसी होनी थी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने कहा कि जब दोषी पवन कुमार गुप्ता की दया याचिका लंबित है, तब तक फांसी की सजा की तामील नहीं की जा सकती। अदालत ने यह आदेश पवन की उस अर्जी पर दिया जिसमें उसने फांसी पर रोक लगाने का अनुरोध किया था क्योंकि उसने राष्ट्रपति के समक्ष सोमवार को एक दया याचिका दायर की है। कोर्ट ने यह भी कहा कि मौत की सजा का सामना कर रहे दोषी को सभी कानूनी उपायों का इस्तेमाल करने का उचित मौका नहीं मिलने को लेकर अदालतों के खिलाफ शिकायत नहीं करनी चाहिए। सोमवार को ही पवन की क्यूरेटिव याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की है, साथ ही पटियाला हाउस कोर्ट ने डेथ वॉरंट पर रोक लगाने की अक्षय और पवन की याचिका खारिज कर दी। दो झटकों के बाद निर्भया के वकील एपी सिंह ने सोची रणनीति के तहत अब आखिरी दांव चला। दोपहर में पवन की ओर से दया याचिका राष्ट्रपति के पास दी और इसके तुरंत बाद डेथ वॉरंट पर रोक लगाने के लिए पटियाला हाउस कोर्ट में अर्जी लगा दी।
हमारा पूरा सिस्टम अपराधियों की मदद करता
वहीं दोषियों की फांसी एक बार फिर टलने के बाद निर्मया की मां ने कहा कि, मैंने हार नहीं मानी है। यदि हमारे कानून में फांसी की सजा है तो निर्भया के दोषियों को फांसी देनी होगी। उसके साथ बहुत बर्बरता हुई थी। उसकी आंतें तक बाहर निकाल ली गईं थीं। आखिर क्यों कोर्ट अपने आदेश का पालन कराने में इतना समय ले रहा है? बार-बार फांसी का टलना हमारे सिस्टम की नाकामी को दिखाता है। हमारा पूरा सिस्टम अपराधियों की मदद करता है
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