हर स्थिति से समायोजन का स्वभाव ही महिलाओं के संकट की असली वजह : सिन्हा
फिल्म निर्माता अनुभव सिन्हा की फिल्म थप्पड़ ने अपने जरूरी सोशल मैसेज की वजह से खूब सुर्खियां बटोरी हैं। फिल्म के डायरेक्टर अनुभव सिन्हा ने कहा महिलाओं का हर स्थिति के साथ समायोजन करने का स्वभाव ही मुसीबत की जड़ है। अनुभव ने बताया महिलाओं ने हर स्थिति के साथ समायोजन करने के स्वभाव के चलते ही अपने आत्म-सम्मान को ठेस पहुंचाई है। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की हिंसा तब सामान्य लगने लगती है जब इंसान उसे नॉर्मल समझने लगता है। अनुभव के मुताबिक 'चलता है' एटिट्यूड गलत है। इसके चलते महिलाएं न सिर्फ अपने पर हो रहे अत्याचारों को चुपचाप सहती हैं, बल्कि कभी अन्याय के खिलाफ बोलने की हिम्मत भी नहीं दिखातीं। फिल्म थप्पड़ भी इसी थीम पर आधारित है जहां इस 'चलता है' वाले रवैया पर सीधी चोट की गई है। फिल्म में दिखाया गया है कि किसी भी प्रकार की हिंसा को सही नही बताया जा सकता। वैसे देखा जाए, थप्पड़ को प्रमोट भी काफी यूनीक अंदाज में किया गया था। फिल्म के माध्यम से मांग उठी थी कि महिला हिंसा पर भी डिस्क्लेमर दिखाया जाना चाहिए।
तापसी ने लोगो से उस मुहिम को सपोर्ट करने की अपील की थी। तापसी की यह नई फिल्म बॉक्स ऑफिस पर तो जरूर थोड़ी फीकी पड़ती दिखाई दे रही है लेकिन फिल्म का कंटेंट और अदाकारी ने सभी का ध्यान खींचा है। फिल्म को बेहतरीन रिव्यू भी मिले हैं। बता दें, अनुभव सिन्हा निर्देशित फिल्म में तापसी के अलावा पवेल गुलाटी भी अहम किरदार में हैं। उनकी एक्टिंग की भी खूब तारीफ हो रही है।
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हर स्थिति से समायोजन का स्वभाव ही महिलाओं के संकट की असली वजह : सिन्हा