अमेरिकी कॉफी चेन स्टारबक्स पर जुर्माना लगाया जा सकता है। एंटी प्रॉफिटियरिंग अथॉरिटी ने कंपनी पर आरोप लगाया है कि उसने जीएसटी की दरों में कमी होने के बाद भी उसका फायदा अपने ग्राहकों को नहीं दिया। टैक्स अथॉरिटीज ने स्टारबक्स से उसके प्रॉडक्ट्स के दाम में कटौती के बारे में कुछ सवाल पूछे है, और डेटा के लिए लेटर्स(पत्र) के दो सेट जारी किए है। दिग्गज अमेरिकी कॉफी कंपनी इंडिया में टाटा ग्रुप के साथ मिलकर बनाए गए ज्वाइंट वेंचर टाटा स्टारबक्स के तहत कारोबार करती है। सूत्रों के मुताबिक स्टारबक्स ने जीएसटी रेट 18 प्रतीशत से घटाकर 5 प्रतीशत किए जाने के बाद भी प्रॉडक्ट्स की कीमत कम नहीं की थी। नेशनल एंटी प्रॉफिटियरिंग अथॉरिटी (एनएए) को दिए जवाब में स्टारबक्स ने प्राइस और कॉस्ट की तफसील से जानकारी दी थी। स्टारबक्स और कई दूसरे कॉफी शॉप्स खुद को रेस्टोरेंट्स के बजाय क्विक सर्विस ज्वाइंट बताती हैं। हालांकि जीएसटी फ्रेमवर्क में दोनों पर एक बराबर टैक्स लगाया गया है। रेस्टोरेंट्स के लिए पहले 18 प्रतिशत टैक्स की दर निर्धारित की गई, जिसे 2018 की शुरुआत में घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया। इसमें एक शर्त को जोड़ा गया था।