ऑफिस के जिम में जाने से कोई फायदा नहीं
हाल ही में एक अध्ययन में कहा गया है कि ऑफिस में जिम जाने से खास फायदे नहीं होते हैं। इस अध्ययन के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ इलिनॉय ने अपने 3300 कर्मचारियों को एक साल के लिए वेलनेस प्रोग्राम आईथ्राइव में भेजा है। वहीं, 1534 लोगों का एक समूह ऐसा भी था, जिसे इस कार्यक्रम के लिए नहीं भेजा गया। जितने लोगों को इस कार्यक्रम में भेजा गया था, उन्हें छह समूहों में बांट दिया गया और इनकी बायोमीट्रिक स्क्रीनिंग की गई। इसके अलावा इनकी मौजूदा सेहत का जायजा लिया गया। इन्हें कई सेवाएं करने का मौका भी दिया गया। प्रत्येक चरण को पूरा करने पर छह समूहों को अलग-अलग पारितोषिक दिया गया। दरअसल, शोधकर्ता तीन सवालों के जवाब चाहते थे, क्या इस तरह के सेहत संबंधी कार्यक्रमों का कोई सकारात्मक असर कर्मचारियों पर होता है, चिकित्सकीय सेवाओं पर उनका खर्च और ऑफिस में उनकी उत्पादक क्षमता में कोई असर आता है या नहीं। पारितोषिक के लालच में अधिक लोग किसी खास कार्यक्रम में रुचि ले रहे हैं और इनमें सेहतमंद लोग हिस्सा ले रहे हैं या सामान्य सेहत वाले। इस तरह के कार्यक्रम में अगर ज्यादातर सेहतमंद लोग हिस्सा ले रहे हैं तो इसका कोई खास फायदा नहीं होगा। बता दें कि इस अध्ययन के नतीजे नेशनल ब्यूरो ऑफ इकोनॉमिक रिसर्च में प्रकाशित हो चुके हैं। यूनिवर्सिटी कर्मियों के लिए चलाए गए वेलनेस कार्यक्रम में एक साल तक सौ से अधिक अध्ययन किए गए। इनके मिश्रित नतीजों के आधार पर विशेषज्ञों ने दावा किया कि इस तरह के कार्यक्रमों से कंपनियों की अपने कर्मचारियों की सेहत पर होने वाले खर्च में कमी नहीं आती है।
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ऑफिस के जिम में जाने से कोई फायदा नहीं