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मप्र में कोरोना वायरस का बढ़ा खतरा

मप्र में कोरोना वायरस का बढ़ा खतरा

मप्र में कोरोना वायरस का बढ़ा खतरा
खजुराहो पहुंचे इटली के पर्यटक, सभी जिलों में अलर्ट
 इटली से मंगलवार को खजुराहो आए नौ पर्यटकों को एयरपोर्ट पर रोककर नौगांव के अस्पताल में निगरानी में रखा गया है। इन पर्यटकों को घुमाने वाला गाइड भी संदिग्ध है। इसके बाद प्रदेश सरकार अलर्ट हो गई है। उधर, देशभर में बुधवार को कोरोना के संक्रमितों की संख्या 29 हो गई। सबसे ज्यादा संक्रमित राजस्थान में मिले। इसके बाद केंद्र सरकार एशन मोड में आ गई है। दूसरी तरफ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने होली मिलन समारोह में शामिल न होने का ऐलान किया है। इस बार राष्ट्रपति भवन में होली मिलन समारोह नहीं होगा।
खजुराहो में नौ पर्यटकों सहित 10 लोग कोरोना के संदिग्ध पाए गए हैं। उन्हें छतरपुर जिले के नौगांव के अस्पताल में अलग वार्ड बनाकर रखा गया है। दसवां व्यति भारतीय है और पर्यटकों का गाइड है। इनमें अगर वायरस की पुष्टि होती है, तो इसे मध्यप्रदेश में कोरोना की दस्तक माना जाएगा। छतरपुर कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह ने बताया कि चिकित्सकों की टीम ने जांच के लिए सभी पर्यटकों का सैंपल ले लिए हैं। उन्होंने कहा कि इनमें से दो लोग खांसी एवं जुकाम से पीडि़त हैं। सभी पर निगरानी रखी जा रही है। खजुराहो के गाइड रामेश्वर गुप्ता ने बताया कि एक भारतीय टूरिस्ट गाइड के साथ यह इटालियन ग्रुप तीन मार्च को आगरा से झांसी ट्रेन से आया। ग्रुप ने ओरछा में दर्शन किए और उसी दिन देर शाम को यह ग्रुप सड़क मार्ग से खजुराहो पहुंचा। खजुराहो के मंदिर देखने के बाद इस ग्रुप को बुधवार दोपहर लाइट से बनारस जाना था। एयरपोर्ट पर इन लोगों में कोरोना के लक्षण देखे गए।
कोरोना के डर से अस्पतालों में हड़कंप
कोरोना के संदिग्ध रोगी मिलने के बाद हैलट, संक्रामक रोग अस्पताल, उर्सला और निजी अस्पतालों में हड़कंप की स्थिति पैदा हो गई है। अगर रोगी आते हैं तो पैरा मेडिकल स्टाफ के भागने का भी खतरा पैदा हो गया। अस्पतालों में अभी सभी डाक्टरों और कर्मचारियों को पर्याप्त मास्क उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। हैलट प्रबंधन ने पांच हजार 95 मास्क का आर्डर दिया है। सबसे अधिक हड़कंप की स्थिति संक्रामक रोग अस्पताल में है। कोरोना वार्ड इसी अस्पताल में बनाया गया है। यहां भी तैयारियां अधूरी हैं। अस्पताल में सिर्फ एक ही वेंटीलेटर है। शासन गुरुवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग करेगा। हैलट के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आरके मौर्या ने बताया कि अस्पताल के पास अभी दो हजार मास्क उपलब्ध हैं। इसके अलावा सामान्य सर्जरी मास्क का इस्तेमाल करने के लिए निर्देश दिए गए हैं। जिस कंपनी को आर्डर भेजा गया है उसके पास भी मास्क नहीं है। 
्र15 अन्य जगहों पर लैब शुरू
कोरोना वायरस के टेस्ट के लिए पहले सिर्फ पुणे स्थित नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की प्रयोगशाला का ही विकल्प मौजूद था। लेकिन अब टेस्ट की सुविधा का विस्तार कर 15 और लैब शुरू की गईं हैं और 19 अन्य परीक्षण केंद्र शुरू किए जाने की प्रक्रिया चल रही है।
हनीमून पर भी कोरोना का असर   
कोरोना के कहर को देखते हुए कई नव विवाहित जोड़ों का विदेशों में हनीमून मनाने का ख्वाब अधूरा ही रह गया है। अभी तक करीब 80 फीसदी लोगों ने बुकिंग रद्द कराई है। दूसरी ओर, विदेश में बुक हुए होटल, रिसॉर्ट आदि की ओर से पैसा वापस नहीं किया जा रहा है। शुरुआत में यह वायरस सिर्फ चीन में ही हावी था, इसलिए उस दौरान हुई बुकिंग पर कपल्स और अन्य लोग विदेश यात्रा पर गए। पिछले करीब 15 दिनों से विदेशों में हालत बेकाबू होने के बाद स्थिति गंभीर हो गई है। अब पूर्व में कराई जा चुकी बुकिंग को लोग रद्द करा रहे हैं। इससे पर्यटन बिजनेस पूरी तरह धड़ाम हो चुका है। सर्वाधिक बुकिंग सिंगापुर, मलयेशिया, जापान, इटली, नेपाल, थाईलैंड के लिए हुई थी। इन सभी देशों को जाने वाले और वहां रहने वाले पर्यटकों का वीजा रद्द कर दिया गया है। ऐसे में जब तक कोरोना का कहर रहेगा, यात्रा संभव नहीं।
बीमा कवर में शामिल होगा कोरोना
इंश्योरेंस रेग्युलेटरी ऐंड डिवेलपमेंट अथॉरिटी यानी इरडा ने बीमा कंपनियों से ऐसी पॉलिसी डिजाइन तैयार करने को कहा है जिनमें कोरोना वायरस के इलाज का खर्च भी कवर हो। कोरोना को बीमा कवर में शामिल किए जाने का संभवत: यह दुनिया का पहला प्रस्ताव है। बता दें कि कोरोना के संक्रमण से दुनियाभर में 3000 से अधिक मौतें हो चुकी हैं और 90 हजार से अधिक लोगों को इसने बीमार कर रखा है। इरडा ने कहा, स्वास्थ्य बीमा की जरूरत को पूरा करने के उद्देश्य से बीमा कंपनियों को सुझाव दिया जाता है कि वे ऐसे प्रोडक्ट डिजाइन करें जिसमें कोरोना वायरस के इलाज का खर्च भी कवर हो। इरडा ने बीमा कंपनियों से कहा है कि वे कोरोना वायरस के इलाज से संबंधित दावों का तेजी से निपटान करें। इरडा ने कहा कि जिन मामलों में अस्पताल में भर्ती होने का खर्च कवर हो, बीमा कंपनियां यह सुनिश्चित करें कि कोविड-19 से संबंधित मामलों का तेजी से निपटान किया जाए।

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