कम उम्र में बार-बार पड़ रहे बीमार, तो हो जाए सावधान, दिमाग को पहुंचती है क्षति
अगर आप कम उम्र में बार-बार बीमार पड़ रहे है तो सावधान होने की जरूरत है। दरअसल, प्रदूषण, पर्यावरण में बदलाव, अनियमित खानपान के कारण आजकल लोग ज्यादा बीमार पड़ते हैं। वक्त के शरीर के ढलने से बीमारी होना लाजिमी है, लेकिन कम उम्र में में बार-बार बीमार पड़ने से दिमाग को घातक नुकसान पहुंच सकता है। एक शोध में पाया गया है कि 20 वर्ष की उम्र में ज्यादा बीमारियां होने से सोचने की क्षमता, याददाश्त और दिमाग के पर्याप्त तरीके से रक्त का प्रवाह करने की क्षमता कम हो जाती है। जवानी में धूम्रपान, हाई कोलेस्ट्रॉल या ज्यादा वजन जैसी स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां होने से बुढ़ापे में कमजोर मस्तिष्क होने की अधिक संभावना है। शिकागो की यूनिवर्सिटी फिनबर्ग स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ता फरजनेह ए सोरोंड ने कहा, शोध से पता चलता है कि लोगों को 20 की उम्र में भी सेहत का ध्यान रखना चाहिए। सोरोंड ने कहा, हाईब्लड प्रेशर और हाईशुगर के स्तर दिमाग की वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे बुजुर्गों में सोचने की क्षमता कम होती है। कम उम्र में आपका या आपके परिवार के किसी अन्य सदस्य को बार-बार बीमारियां घेर रही हैं तो इससे बचने के लिए कुछ उपाय करने चाहिए।
आपका बार-बार बीमार पड़ना इस बात के संकेत है कि साफ-सफाई का ध्यान नहीं रख रहे हैं। इसलिए अपनी और घर के आसपास की सफाई का ध्यान रखें। इन दिनों भारत में वेस्टर्न कल्चर हावी है। कपड़े ही नहीं खानपान में भी विदेशी कल्चर हावी हो गया है। आजकल कई लोग हाथों की बजाय चम्मच से खाना खाते हैं। ऐसे में लोगों को लगता है कि हाथों को धोना मायने नहीं रखता है। अगर, आप भी ऐसा ही करते हैं तो अपनी आदतों को आ ही बदलें। रोजाना खाना खाने से पहले और खाना खाने के बाद हाथों को साबुन से अच्छी तरह से धोएं। ऑफिस या कहीं से भी घर लौटने के बाद हाथों और पैरों को अच्छे से धोएं। ऐसा इसलिए है क्योंकि बाहर से आने के बाद चेहरे, हाथ और पैस पर धूल मिट्टी के साथ कीटाणु भी जमा होते हैं, जो वक्त रहते साफ न किए जाए तो बीमारियां पनप सकती हैं।
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कम उम्र में बार-बार पड़ रहे बीमार, तो हो जाए सावधान, दिमाग को पहुंचती है क्षति