भारत समेत 11 देशों में हुए एक अध्ययन में खुलासा हुआ है कि स्मार्टफोन और सोशल मीडिया का जादू लोगों के इस कदर सिर चढ़कर बोल रहा है कि वह अपने बच्चों की परवाह करना भी भूलते जा रहे हैं। सर्वे में शामिल 90 फीसदी लोगों का कहना है कि स्मार्टफोन और सोशल मीडिया से उन्हें फायदा हो रहा है। पियू रिसर्च सेंटर के अध्ययन के मुताबिक इन देशों में औसतन 64 फीसदी लोग सोशल मीडिया या मैर्सेंजग एप से जुड़े सात में से एक एप का उपयोग करते हैं। वहीं 53 फीसदी लोग इंटरनेट और एप से लैस स्मार्टफोन का उपयोग करते हैं। इस सर्वे में भारत, कोलंबिया, वेनेजुएला, मैक्सिको, दक्षिण अफ्रीका, केन्या, वियतनाम, फिलिपिन्स, जॉर्डन, लेबनान और ट्यूनिशिया को लोगों को शामिल किया गया था। सर्वे में शामिल लोगों में 64 फीसदी फेसबुक और 47 फीसदी व्हाट्सएप इस्तेमाल करने वाले में शामिल थे। सर्वे में शामिल 10 में से नौ यानी 90 फीसदी लोगों का कहना है कि स्मार्टफोन और सोशल मीडिया उन्हें अपनों से जोड़ने में बेहद मददगार है, जिसकी वजह से उन्हें खुशी होती है। 10 में से आठ यानी 80 फीसदी लोगों का कहना है कि इसके जरिये उन्हें ताजा खबरें मिलती हैं और इस लिहाज से यह उनके लिए फायदेमंद है। अध्ययन के मुताबिक स्मार्टफोन और सोशल मीडिया को ज्यादातर लोग शिक्षा और अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद मानते हैं। अध्ययन के मुताबिक जब सर्वे में शामिल लोगों से स्मार्टफोन और सोशल मीडिया का बच्चों पर हो रहे असर के बारे में पूछा गया तो इस पर मिलाजुला जवाब मिला। 79 फीसदी लोगों ने कहा कि बच्चों पर हो रहे असर के बारे में अभिभावकों को सावधान रहना चाहिए, क्योंकि इसके जरिए उन पर दुष्प्रभाव डालने वाली सामग्री की पहुंच आसान हो जाती है। साथ ही यह भी कहा कि बच्चों पर इसका बुरा असर पड़ रहा है। वहीं, दो तिहाई लोगों का कहना है कि उनके देश में बच्चों पर मोबाइल का खराब असर पड़ रहा है। पियू के निदेशक ली रैनी का कहना है कि स्मार्टफोन और सोशल मीडिया से फायदा होने के बावजूद लोगों को इस बात पर भी खास ध्यान होगा कि इसका समाज और बच्चों पर कैसा असर पड़ रहा है। सर्वे में शामिल लोगों का कहना है कि स्मार्टफोन और सोशल मीडिया का कई तरह से उन्हें फायदा मिल रहा है। हालांकि, बच्चों पर इसके नकारात्मक असर को लेकर र्भी चिंता बढ़ने लगी है।
साइंस & टेक्नोलॉजी
अभिभावकों के सिर चढकर बोल रहा फोन-सोशल मीडिया का जादू -बच्चों की परवाह करना भूल रहे मां-बाप