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हिंसा फैलाने वालों के पोस्टर पर 'ट्विटर वॉर' -योगी सरकार ने किया अखिलेश-प्रियंका पर पलटवार

हिंसा फैलाने वालों के पोस्टर पर 'ट्विटर वॉर' -योगी सरकार ने किया अखिलेश-प्रियंका पर पलटवार

हिंसा फैलाने वालों के पोस्टर पर 'ट्विटर वॉर'
-योगी सरकार ने किया अखिलेश-प्रियंका पर पलटवार

यहां नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में फैली हिंसा के आरोपियों के पोस्टर लगाने को लेकर सरकार और विपक्ष में ट्विटर वॉर छिड़ गया है। प्रियंका गांधी और अखिलेश यादव पर पटलवार करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय कुमार ने दोनों के ट्वीट का बारी-बारी से जवाब दिया है। उन्होंने अखिलेश के ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा, 'संविधान की दुहाई देने वाले ये वही लोग हैं, जिन्होंने रातों-रात अपनी पार्टी का संविधान बदलकर अपने पिता का ही तख्तापलट कर दिया था। योगी जी तो वाकई असांसारिक हैं। उनका मोह इस संसार में सिर्फ अपने कर्तव्य से है। सोचिए, टोंटी तक से मोह रखने वाले अब दंगाइयों की हिमायत में खड़े हैं।'मृत्युंजय कुमार ने प्रियंका वाड्रा के ट्वीट का भी जवाब दिया। उन्‍होंने लिखा, 'संविधान की बात वो कर रहे हैं, जिन्होंने संविधान में हजारों संशोधन किए। बाबा साहेब की बात वो कर रहे हैं, जिन्होंने इतने सालों तक उन्‍हें भारत रत्न से वंचित रखा। जवाबदेही की बात वो कर रहे हैं, जो खुद के राज्य के लोगों के सवालों से आए दिन भाग रहे हैं। हे प्रभु।' दरअसल, लखनऊ शहर में कई जगहों पर हिंसा और तोड़फोड़ के आरोपियों के पोस्टर लगाए जाने का इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए लखनऊ के डीएम अभिषेक प्रकाश और पुलिस कमिश्नर सुजीत पाण्डेय को तलब कर लिया था। इस मामले में कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। बता दें कि पोस्टर मामले में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि  'आज यूपी की जनता यह सोचकर त्रस्त है कि सत्ता के नशे में चूर ऐसे असांसारिक मुखिया जी के रहते प्रदेश का भला क्या होगा? जिन्हें न तो नागरिकों की निजता के अधिकार का ज्ञान है, न ही जिनके मन में संविधान के प्रति कोई सम्मान है और न जिन्‍हें न्यायालय की अवमानना का भान है। दुर्भाग्यपूर्ण। अखिलेश यादव के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा ने ट्वीट किया, 'यूपी की भाजपा सरकार का रवैया ऐसा है कि सरकार के मुखिया और उनके नक्शे कदम पर चलने वाले अधिकारी खुद को बाबा साहेब आंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान से ऊपर समझने लगे हैं। उच्च न्यायालय ने सरकार को बताया है कि आप संविधान से ऊपर नहीं हो। आपकी जवाबदेही तय होगी।' 

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