प्लास्टिक की बजाए बैंबू यानि की बांस की बोतल से पिएं पानी
प्लास्टिक के खतरों को लेकर दुनियाभर में अभियान चल रहे हैं, वहीं बदलते पर्यावरण को लेकर काफी हाय तौबा मची हुई है। भारत में भी कई जगहों पर प्लास्टिक पर सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया है। ऐसे में अच्छा और जिम्मेदार नागरिक होने के नाते हमारा यह फर्ज है कि हम प्लास्टिक की बजाय ऐसी वैकल्पिक चीजों को इस्तेमाल करने पर जोर दें। ऐसे में आप पानी पीने के लिये प्लास्टिक की बजाए बैंबू यानि की बांस की बोतल का प्रयोग कर सकते हैं। यह पूरी तरह से नेचुरल होती है जो प्लास्टिक की तुलना में आराम से डीकंपोज हो जाती है। बांस की बोतल में रखा पानी एंटीऑक्सीडेंट से भर जाता है। इसकी वजह से डीएमए की क्षति को रोकना आसान होता है।
बांस का पानी कोलेजन उत्पादन को बढ़ावा देकर झुर्रियों को रोकने में मदद कर सकता है। ऐसा इसलिये क्योंकि इसमें हाई लेवल में सिलिका पाई जाती है। अक्सर उम्र बढ़ते बढ़ते हमारी हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। ऐसे में घुटने का दर्द, रीढ़ की हड्डी में दर्द और अन्य समस्याएं घेरना शुरू कर देती है। लेकिन बांस की बोतल के पानी में ढेर सारी मात्रा में सिलिका मौजूद होती है जो सुनिश्चित करती है कि आपकी हड्डियां मजबूत बनी रहे। चूहों पर किए गए कुछ अध्ययनों के अनुसार, बांस का अर्क कोलेस्ट्रॉल को कम करने में काफी मदद करता है, जो स्ट्रोक और अन्य हृदय रोगों को रोकने में मदद कर सकता है। बांस के पानी में एंटीमाइक्रोबियल गुण होता है, जो आपको विभिन्न जीवाणुओं से बचाता है और आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है। इसमें लैक्टोन, पॉलीफेनोल्स, ग्लाइकोसाइड्स, होम्युरेंटिन, वीटैक्सिन, आइसोविटेक्सिन, ट्राईसिन और ओरियेनिन जैसे प्रचुर मात्रा में फ्लेवोनॉयड्स होते हैं जो आम सर्दी और फ्लू जैसी बीमारी को रोकने में मदद करते हैं।
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प्लास्टिक की बजाए बैंबू यानि की बांस की बोतल से पिएं पानी