निर्भया केस: दोषी ने की पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर की मांग
निर्भया गैंगरेप मामले के दोषी पवन गुप्ता ने दिल्ली की कड़कड़डूमा अदालत में एक अर्जी देकर दावा किया कि उसे मंडोली जेल में बुरी तरह पीटा गया था। उसने अपनी अर्जी में जेल के अधिकारियों सहित दो कांस्टेबल के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई करने की मांग की है। इस अर्जी पर कड़कड़डूमा कोर्ट ने मंडोली जेल अधिकारियों को नोटिस जारी किया गया है। इसमें दोषी ने दो पुलिसकर्मियों पर बुरी तरह मारने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। दोषी पवन गुप्ता ने यह कहते हुए अदालत का रुख किया कि पुलिसकर्मियों ने कथित तौर पर उसके सिर पर लाठी, मुट्ठी से वार करके पिटाई की, जिससे उसके सिर पर गंभीर चोट आई है। अदालत ने जेल से उसकी प्रतिक्रिया मांगी है और मामले को गुरुवार तक के लिए आगे बढ़ा दिया है। पवन के अलावा तीन अन्य दोषियों विनय, अक्षय और मुकेश को 20 मार्च को सुबह 05:30 बजे फांसी दी जानी है। पवन गुप्ता की ओर से अदालत में दी गई अर्जी को फांसी में और देर किए जाने की नई चाल के तौर पर देखा जा रहा है। पवन गुप्ता ने अपनी अर्जी में मांग की है कि हर्ष विहार थाने के एसएचओ को कांस्टेबल अनिल कुमार और एक अन्य अज्ञात कांस्टेबल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया जाए। अर्जी में कहा गया है कि पवन को जल्द ही फांसी दी जानी है, इसलिए उसे दोनों कांस्टेबल की पहचान करने के लिए गवाह के तौर पर पेश किया जाए। इस आपराधिक अर्जी में आरोप लगाया गया है कि पवन गुप्ता को पूर्वी दिल्ली की मंडोली जेल में पिछले साल 26 और 29 जुलाई को काफी बुरी तरह से पीटा गया। पवन गुप्ता ने अपनी शिकायत में कहा है कि जेल में पिटाई के दौरान उसके सिर में गंभीर चोटें आईं और 14 टांके भी लगे। पिटाई के बाद शाहदरा के गुरु तेग बहादुर अस्पताल में उसका इलाज किया गया। इससे पहले 5 मार्च को दिल्ली की एक अदालत ने निर्भया मामले को चारों दोषियों को 20 मार्च सुबह 5.30 बजे फांसी देने के लिए ब्लैक वारंट जारी किया था। इन चारों दोषियों में मुकेश कुमार सिंह, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय कुमार सिंह के नाम शामिल हैं।
रीजनल
निर्भया केस: दोषी ने की पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर की मांग