YUV News Logo
YuvNews
Open in the YuvNews app
OPEN

फ़्लैश न्यूज़

रीजनल

बाजार से गायब हो रहे मास्क और सेनिटाइजर्स 

बाजार से गायब हो रहे मास्क और सेनिटाइजर्स 

बाजार से गायब हो रहे मास्क और सेनिटाइजर्स 
- ज्यादा इस्तेमाल से हो सकता है नुकसान
भारत में कोरोना वायरस की घबराहट में लोग मास्क और सेनिटाइजर्स खरीद रहे हैं। हालत ऐसे हो गए है कि ये बाजार से गायब ही हो गए है, वहीं कीमत भी दुगुना हो गई है।आपको बता दें कि सेनिटाइजर्स का ज्यादा इस्तेमाल नुकसानदायक भी है। हैंड सेनिटाइजर आमतौर पर इथाइल अल्कोहल से बनाया जाता है, जो एंटीसेप्टिक की तरह भी काम आता है, इसमें पानी, फ्रेगेंस और ग्लिसरीन मिलाए जाते हैं। वहीं गैर अल्कोहल युक्त सेनिटाइजर्स एंटीबॉयोटिक कंपाउंड ट्राइक्लोजन या ट्राइक्लोकॉर्बन से बनता है। ये साबुन और टूथपेस्ट में भी पाया जाता है। इन्हें अक्सर एंटीबैक्टीरियल, एंटीमाक्रोबायल या एंटीसेप्टिक सोप कहा जाता है। वास्तव में हैंड सेनिटाइजर का ज्यादा इस्तेमाल रोगों के प्रति प्रतिरोध को कम करता है, क्योंकि आपके गुड बैक्टीरिया खत्म होने लगते हैं, जो बैड बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करते हैं। हैंड सेनिटाइजर का ज्यादा इस्तेमाल रोगों के प्रति प्रतिरोध को कम करता है, क्योंकि आपके गुड बैक्टीरिया खत्म होने लगते हैं वर्ष 2011 में अमेरिका में एपिडेमिक इंटैलिजेंस सर्विस से जुड़े शोधकर्ताओं वो हेल्थ केयर कर्मचारी, जो साबुन की जगह ज्यादातर सेनिटाइजर का इस्तेमाल करते हैं, वो एक्यूट गैस्ट्रोएंटाइटस बीमारी देने वाले नोरोवायरस के छह गुना ज्यादा खतरे में रहते हैं। 
अगर आप बगैर ट्राइक्लोजन वाला सेनिटाइजर इस्तेमाल नहीं करते और अल्कोहल युक्त इस्तेमाल में लाते हैं तो भी जरूरी नहीं कि आप पूरी तरह सुरक्षित हैं। कुछ सेनिटाइजर्स में इथाइल अल्कोहल की जगह दूसरे अल्कोहल या उसी तरह का अन्य द्रव इस्तेमाल करते हैं, जो एंटीमाइक्रोबॉयल की तरह सक्रिय होकर बैक्टीरिया को मारता है। अमेरिकी फूड एंड ड्रेग एडमिनिस्ट्रेशन और सेंटर फॉर डिजिज कंट्रोल का कहना है कि वो सेनिटाइजर्स में केवल इथाइल अल्कोहल, आइसोप्रोपाइल अल्कोहल या दोनों के 60 से 95 फीसदी कंस्ट्रेट मिक्स को मान्यता देता है। मार्च 2012 में कैलिफोर्निया के छह किशोर अस्पताल में लाए गए, क्योंकि उन्होंने हैंड सेनिटाइजर को पी लिया था और इसमें जहरीला अल्कोहल था। हालांकि इसे पीना तो नहीं ही चाहिए लेकिन इससे ये जाहिर हुआ कि सेनिटाइजर में अगर विषैला अल्कोहल मिला है तो ये आपकी त्वचा को भी नुकसान पहुंचाएंगा।एफडीए का कहना है कि ट्राइक्लोजन युक्त सेनिटाइजर हार्मोनल गड़बड़ियां पैदा कर सकता है। जिससे एंटी बॉयोटिक रेजिसटेंस जैसी स्थिति पैदा हो सकती है। 
जानवरों पर किए गए अध्ययन बताते हैं कि अगर आप सेनिटाइजर्स का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं तो शरीर में हार्मोन अलग तरीके से व्यवहार करने लगते हैं। हालांकि इस पर अभी शोध चल रही है कि मानव में हार्मोन चेंज का क्या असर पड़ता है। जानवरों पर किए गए अध्ययन बताते हैं कि अगर आप सेनिटाइजर्स का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं तो शरीर में हार्मोन अलग तरीके से व्यवहार करने लगते हैं। अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) का कहना है कि ट्राइक्लोजन के कुछ रिस्क भी हैं। जिन्हें सूचीबद्ध भी किया गया है। हाल के कुछ अध्ययनों ने ट्राइक्लोजन के इस्तेमाल पर सवाल उठाते हुए कहा गया है कि ये मानवीय स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है। इस पर अध्ययन जारी भी है। अगर आपको सफाई का फोबिया है या कोरोना जैसे वायरस से बचाव के लिए आप लगातार सेनिटाइजर का इस्तेमाल कर रहे हैं तो ये भी जानिए कि इसके खतरे क्या हैं। एंटीबॉयोटिक आमतौर पर बैक्टीरिया से लड़ने में मुफीद होते हैं लेकिन तब क्या होगा जब आपका शरीर बैक्टीरिया से लड़ने के बजाए एंटीबॉयोटिक के खिलाफ लड़ाई शुरू कर दे। दरअसल ट्राइक्लोजन यही काम करता है।

Related Posts