बच्चों के लिये आठ घंटे की नींद जरुरी
दुनियाभर में बच्चों के लिये आठ घंटे की नींद लेना जरुरी हो गया है। दरअसल, बच्चे निश्चित सीमा से कम नींद लेने के कारण मोटापे के शिकार होते जा रहे हैं। ऐसा एक शोध में सामने आया है। जिसमें शोधकर्ताओं ने बताया कि 58 फीसदी उन बच्चों में मोटापा बढ़ने का खतरा ज्यादा रहता है जो एक रात में 8 घंटे से कम नींद लेते हैं। इस शोध में वैज्ञानिकों ने पाया मोटापा का संबंध सीधे तौर पर नींद से है। ब्रिटेन में ज्यादा बच्चे मोटापे का शिकार हो रहे हैं। बच्चों में बढ़ रहे मोटापे को ब्रिटेन की स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा सचिव जेरेमी हंट ने एक बार स्कैंडल भी करार दे चुके हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार ब्रिट्रेन में प्राइमरी स्कूल में जाने वाले करीब 50 फीसदी बच्चे मोटोप का शिकार हैं। लेकिन इसी बीच वार्विक विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने पिछले 42 प्रयोगों को रिव्यू किया गया। यह बच्चों में बढ़ रहे मोटापे का पता लगाने के लिये किया गया है। बच्चों में मोटापे के कारणों का पता लगाने के लिए वैज्ञानिकों ने 18 साल से कम उम्र के 75 हजार से ज्यादा बच्चों पर उनकी जीवन शैली को रिसर्च किया। इस रिसर्च में बचपन के मोटापे और नींद के संबंध का पता लगाया गया। इन बच्चों को डॉक्टर या एक्सपर्ट की ओर जितनी देर सोने की सलाह दी गई थी वे उससे कम सो रहे थे। जिसके बाद इनहें कम सोने वाले बच्चों के रूप में पहचाना गया और लगातार तीन साल तक उन्हें अब्जर्व किया गया। यह शोध नेशनल स्लीप फाउंडेशन नाम के एनजीओ की मदद से किया गया। शोध में पाया गया कि कम उम्र के बच्चे दी गई सलाह से कम नींद लेते हैं और ऐसे बच्चों में से 40 फीसदी बच्चों को मोटापे की समस्या होती है। नर्सरी जाने वाले बच्चों में यह समस्या 75 फीसदी और किशोरों में 30 फीसदी तक मोटापा का खतरा बढ़ जाता है। शोध कर रहे वैज्ञानिकों में प्रमुख डॉ मिशेल मिलर ने बताया कि जिन लोगों में वजन बढ़ने की समस्या होती है उनमें हार्ट अटैक का खतरा भी ज्यादा रहता है।
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