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गर्भवती महिला एवं बच्चे दोनों को तनाव से नुकसान 

गर्भवती महिला एवं बच्चे दोनों को तनाव से नुकसान 

गर्भवती महिला एवं बच्चे दोनों को तनाव से नुकसान 
गर्भावस्था के दौरान तनाव लेने से महिलाओं और गर्भ में पलने वाले बच्चे दोनों को नुकसान हो सकता है। एक अध्ययन में पता चला है कि गर्भावस्था के दौरान मां के मानसिक स्वास्थ्य का सीधा असर बच्चे की प्रतिरक्षा प्रणाली के विकास पर पड़ता है. यह अध्ययन एल्बर्टा यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया है। शोधकर्ताओं ने 1,043 मां-शिशुओं के जोड़े के स्वास्थ्य रिकॉर्ड को जांचा। शोधकर्ता के मुताबिक, हमारे अध्ययन में पता चला कि गर्भावस्था के दौरान मां के अवसादग्रस्त होने से बच्चों में इम्युनोग्लोब्युलिन बनाने वाली कोशिकाओं का स्तर और कार्य प्रभावित हो सकता है। प्रेग्नेंसी के दौरान ध्यान रखें कि आप हर चीज को खुद अकेले नहीं कर सकती हैं। इसलिए अपनी प्राथमिकताओं को बदलें और काम में दूसरों की मदद लें। अगर, आप वर्किंग हैं तो ऑफिस में दूसरों की मदद लेकर काम करें. ताकि आप पर स्ट्रेस कम पड़े. घर का काम कम करें। वक्त निकालकर कुछ किताबें पढ़ें। संभव हो तो मोबाइल फोन से दूरी बनाकर चलें। रोजाना सुबह और शाम 10 मिनट का समय खुद के लिए निकालें। इस दौरान लंबी सांस लें, छोड़ें. योग करें. संतुलित आहार आपके शरीर और मानसिक सेहत दोनों को ठीक रखेगा। प्रेग्नेंसी के दौरान तेल, मसालों वालों खाना कम खाएं। प्रेग्नेंसी में भरपूर नींद लेनी चाहिए. इसलिए रात के वक्त सही समय पर सोएं। इससे आपके गर्भ में पल रहे बच्चे को विकास के लिए पर्याप्त समय मिलेगा। प्रेंग्नेंसी के दौरान कई लोग कई तरह के उपाय बताते हैं. लेकिन ऐसा जरूरी नहीं है कि हर उपाय और समस्या आपके लिए ही हो. इसलिए हमेशा पॉजिटिव रहें। मालूम हो कि आजकल महिलाओं के वर्किंग होने से उन पर घर और ऑफिस दोनों की ही जिम्मेदारियां हैं। घर और ऑफिस दोनों की जिम्मेदारियों को निभाने के कारण महिलाओं में तनाव का स्तर पुरुषों के मुकाबले ज्यादा है। आम दिनों में तनाव से राहत पाने के लिए कई सारे उपाय किए जा सकते हैं।

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