घातक बीमारी एड्स को लेकर समाज में फैली भ्रांतियों से मुक्त कराने के लिए जन जागरूकता आवश्यक है। उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर ने कहा कि जागरूक होना बचाव का एक बेहतर तरीका है। उन्होंने एचआईवी एड्स की रोकथाम एवं इसके उपचार के उपायों को लेकर लोगों को जागरूक करने एवं प्रभावितों को सुविधाएं देने को लेकर सभी विभागों के समन्वित प्रयासों पर जोर दिया।
उपायुक्त एचआईवी एड्स प्रभावितों से भेदभाव, कानूनी एवं सामाजिक संरक्षण और समाज की मुख्यधारा में उनके स्थान से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विचार विमर्श के लिए उपायुक्त सभागार में आयोजित जिला स्तरीय परामर्श बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। ऋग्वेद ठाकुर ने कहा कि एचआईवी एड्स उन्मूलन की दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। वर्ष 2030 तक एड्स महामारी समाप्त करने का लक्ष्य है। हमें अपने यहां इसे इससे भी पहले समाप्त करना है, इसके लिए और अधिक प्रयासों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि एड्स से जुड़ी जानकारी एवं सलाह के लिए टोल फ्री नंबर 1097 की जानकारी अधिक से अधिक लोगों को हो। इस नंबर पर कोई भी व्यक्ति फोन कर एड्स बीमारी को लेकर जानकारी हासिल कर सकता है।
बैठक में अतिरिक्त सीजेएम असलम बेग ने भी अपने बहुमूल्य सुझाव दिए। राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण सोसायटी के क्षेत्रीय समन्वयक डॉ. विशाल आचार्य ने एड्स को लेकर जागरूकता में विभिन्न विभागों से रखी अपेक्षाओं से अवगत करवाया। जिला एड्स रोकथाम अधिकारी डॉ अरिंदम रॉय ने एड्स नियंत्रण में स्वास्थ्य विभाग की गतिविधियों, निशुल्क जांच एवं दवाईयों और अन्य सुविधा के बारे में जानकारी दी।बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. जीवानंद चौहान ने सभी का स्वागत किया और एचआईवी एड्स को लेकर लोगों को जागरूक करने के प्रयासों के बारे में बताया। बैठक में विभिन्न विभागों के जिलास्तर के अधिकारी उपस्थित रहे।
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एचआईवी एड्स की रोकथाम के लिए जन जागरूकता जरूरी