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आंध्र में सीएम नायडू और जगनमोहन के बीच सियासी घमासान चरम पर

आंध्र में सीएम नायडू और जगनमोहन के बीच सियासी घमासान चरम पर

 दक्षिण भारत के आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां चरम पर पहुंच गई हैं। मुख्यमंत्री और तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू और वाईएसआरसीपी चीफ जगनमोहन रेड्डी दोनों रायलसीमा क्षेत्र से हैं, लेकिन उनके निर्वाचन क्षेत्र कुप्पम और पुलिवेंदुला में 250 किमी का फासला है। हालांकि, चंद्रबाबू नायडू और जगनमोहन रेड्डी दोनों ही अपने क्षेत्र में चुनावी लड़ाई के लिए तैयार हैं, लेकिन जनता के मूड से पता चलता है कि जगन अपने गृहक्षेत्र पुलिवेंदुला में अजेय है। यहां उनके परिवार से कोई भी खड़ा होगा, उसकी जीत तय मानी जा रही है।
विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन भरने के बाद जगमोहन रेड्डी ने वोटर्स से खुद को भारी मतों से जिताने की अपील की। साथ ही कहा कि सत्ता में वापस लौटने के लिए वह पूरे आंध्र प्रदेश का दौरा करेंगे। रेड्डी परिवार के एक पुराने करीबी सैफुउद्दीन कहते हैं, 'जगन इस बार मुख्यमंत्री बनेंगे। 2014 में वह बहुत कम मार्जिन से सीएम की कुर्सी पाने में रह गए थे। चंद्रबाबू नायडू सीएम रहते हुए भी लोकप्रियता में जगनमोहन रेड्डी से काफी पीछे हैं। आंध्र में आप जहां भी जाए, जगनमोहन रेड्डी के बारे में सुनेंगे। ये वोटर्स का रुझान है कि आंध्र में टीडीपी की सरकार जाने वाली है। हम जगनमोहन को उनके पिता की जगह देखना चाहते हैं। बता दें कि आंध्र प्रदेश में मुख्य विपक्षी दल वाईएसआर कांग्रेस ने राज्य में 25 लोकसभा और 175 विधानसभा सीटों के उम्मीदवारों की अपनी पूरी सूची रविवार को जारी कर दी है। राज्य में लोकसभा सीटों और विधानसभा के लिए 11 अप्रैल को चुनाव होने हैं। चंद्रबाबू नायडू को चुनाव में हारने के लिए जगनमोहन रेड्डी एक तरफ पदयात्रा का सहारा ले रहे हैं और ग्रास रूट लेवल (जमीनी स्तर) पर कैडर को मजबूत करने में जुटे हैं। जगन उन इलाकों में जाकर लोगों से मिल रहे हैं, जहां नायडू सरकार ने विकास के कार्यों का वादा तो खूब किया, मगर किया कुछ भी नहीं। अब देखना है कि चंद्रबाबू नायडू के खिलाफ रेड्डी का ये दांव कितना कारगर साबित हो पाता है।

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