बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर की गई याचिकाओं में आईपीएल रद्द करने की मांग
बॉम्बे हाईकोर्ट में दाखिल की गई जनहित याचिकाओं में मांग की गई है कि इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में हिस्सा लेने के लिए आने वाले विदेश खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टाफ को अनिवार्य रूप से निगरानी में रखा जाए. ये जनहित याचिकाएं शुक्रवार को मुंबई से सटे ल्हासनगर के दो बड़े व्यापारी राम नंदलाल वाधवा और जितेंद्र बहारानी की ओर से दायर की गई है. दायर की गई याचिकाओं में कहा गया गया है कि मैच देखने के लिए स्टेडियम आने वालों क्रिकेट प्रेमियों को मास्क पहनने के निर्देश दिए जाएं. साथ ही साथ खिलाड़ी एक दूसरे से संपर्क और हाथ मिलाने से बचें. इसके अलावा स्टेडियम से बाहर आने पर हर किसी की विशेषज्ञ मेडिकल प्रैक्टीशनर से जांच कराई जाए. हालाँकि इन दोनों याचिकाकर्ताओं के पास खुद मैच देखने के टिकट नहीं हैं, लेकिन ये हर किसी की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं. इनका कहना है कि देश भर में विभिन्न स्टेडियमों में इन मैचों को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोगों के जुटने की संभावना है. ऐसे में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त होने चाहिए. शुक्रवार को वकील अपर्णा वटकर की ओर से बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के सामने दाखिल याचिका में आईपीएल को रद्द करने की मांग की गई. वटकर ने कोर्ट को बताया कि भारत में कोरोना वायरस मामले बढ़ने की वजह से ऐसा किया जाना ज़रूरी है. वायरस इतना संवेदनशील है कि ये खांसी, छींक, सांस लेने, हाथ मिलाने आदि से भी फैल सकता है.याचिका में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव, को विस्तृत हलफनामे दाखिल करने के लिए निर्देश देने की मांग की गई. गौरतलब हो कि आईपीएल पहले 29 मार्च को शुरू होना था, लेकिन सरकार समेत अनेक पक्षों की ओर से चिंता जताए जाने के बाद इसे 15 अप्रैल तक स्थगित कर दिया गया है. कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए एहतियात के तौर पर ये कदम उठाया गया है.
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