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अब सीमित ओवरों में अपने को साबित करेंगे हनुमा विहारी

अब सीमित ओवरों में अपने को साबित करेंगे हनुमा विहारी

हनुमा विहारी ने अपने टेस्ट करियर की शुरुआत बीते साल इंग्लैंड के खिलाफ ओवल टेस्ट में की। अपनी पहली ही पारी में उन्होंने शतक लगाया। इसके बाद उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में मिशेल स्टार्क, जोश हेजलवुड और पैट कमिंस जैसे गेंदबाजों के सामने पारी की अच्छी शुरुआत भी की। अब हनुमा आईपीएल प्रदर्शन के जरिये विहारी सीमित ओवरों के प्रारूप में अपना हुनर दिखाना चाहते हैं। दिल्ली कैपिटल्स टीम के खिलाड़ी हनुमा विहारी की नजरें एकदिवसीय और टी20 टीम में जगह बनाने की हैं। 
उन्होंने कहा, 'मेरे लिए सबसे बड़ी चुनौती सबसे पहले आईपीएल में कामयाब होने की है। इसके बाद टीम प्रबंधन और चयनकर्ताओं पर निर्भर करता है। यहां तक कि इंडिया-ए के लिए भी सफेद बॉल के क्रिकेट में मैंने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। मुझे लगता है कि मैं अपने खेल को अगले स्तर पर ले जा सकता हूं और इस साल का आईपीएल उसके लिए बिलकुल सही प्लैटफॉर्म हो सकता है।' 25 वर्षीय विहारी ने कहा कि फिनिशर की वह भूमिका भी निभा सकते हैं। उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि मैं किसी भी परिस्थिति में खेल सकता हूं, यहां तक कि मैं फिनिशर के रूप में भी खेल सकता हूं। मैं मैदान पर जाकर खुलकर खेल सकता हूं। अगर आपके पास वह इच्छाशक्ति और कुछ करने की भूख है, तो आप किसी भी भूमिका में कामयाब हो सकते हैं।'
आईपीएल में पावर-हिटिंग को लेकर काफी चर्चा होती है। कहा जाता है कि इसमें आपको गैर-परंपरागत क्रिकेट खेलना पड़ता है। शॉट खेलने में नए-नए प्रयोग करने पड़ते हैं। विहारी मानते हैं कि वह परंपरागत क्रिकेटिंग शॉट्स खेलकर भी अच्छी स्ट्राइक रेट बरकरार रख सकते हैं। उन्होंने कहा, 'जब मैंने पहले आईपीएल खेला था, तब मेरे पास बाउंड्री के पार मारने की स्ट्रेंथ नहीं थी। लेकिन अब लगता है कि मैं परंपरागत शॉट्स खेलकर भी बाउंड्री के पार मार सकता हूं। केन विलियमसन और विराट कोहली जैसे खिलाड़ी भी परंपरागत क्रिकेट शॉट खेलकर अच्छी स्ट्राइक रेट बनाए रखते हैं। मैं उन्हें देखकर काफी कुछ सीखता हूं। मैं अपनी पारी को उसी हिसाब से प्लान करना चाहता हूं।'
विहारी ने क्रिकेट भी प्रारूप में कामयाब होने के लिए अच्छी तकनीक के महत्व के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि अगर आपके पास अच्छी तकनीक है तो आप खेल के तीनों प्रारूपों में सफल हो सकते हो। यह सिर्फ लोगों का अपना आकलन है कि मैं सिर्फ टेस्ट खिलाड़ी हूं। मैं उन्हें अपना खेल दिखा सकता हूं। मैं इस साल के आईपीएल को लेकर काफी आशांवित हूं जहां मैं अपना यह हुनर दिखा सकूं। बात सिर्फ माइंडसेट बदलने की है।' दिल्ली की टीम अभी तक आईपीएल का खिताब नहीं जीत पाई है। यहां तक कि पिछले छह सीजन में टीम प्लेऑफ में भी जगह नहीं बना पाई। 2018 में दिल्ली 8 टीमों में आखिरी स्थान पर रही थी। विहारी को हालांकि इस साल अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है।

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