कोरोना का महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा असर, मुंबई में वर्क फ्राम होम का आदेश, नागपुर में धारा 144 लागू
कोरोना वायरस के संक्रमण को सीमित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें लगी हुई हैं। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक देश में अब तक कोरोना वायरस के 125 मामले सामने आ चुके हैं। कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र है। राज्य में कम से कम 39 लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई है। कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) ने कमर कस ली है। बीएमसी ने एक एडवायजरी जारी कर लोगों से अनावश्यक घर से न निकलने और सार्वजनिक स्थानों पर न जाने की सलाह दी है। एडवायजरी में प्राइवेट कंपनियों को अपने ज्यादा से ज्यादा कर्मचारियों को घर से काम करने की सुविधा देने का निर्देश दिया गया है। बीएमसी ने कहा भारत सरकार ने 50 फीसदी कर्मचारियों को घर से काम करने की सलाह दी है। इस आदेश का पालन नहीं करने वाली कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
एडवायजरी में कहा गया है कि सरकार ने कोरोना वायरस को महामारी घोषित कर दिया है। इससे जुड़े दिशा निर्देशों का पालन नहीं करने वालों को धारा 1897 (एपेडमिक डिसीजेज एक्ट, 1897) के तहत 6 माह जेल की सजा भी हो सकती है। आपको बता दें कि मुंबई पुलिस ने पहले ही 'ग्रुप टूर' पर रोक लगा दी है। यह रोक धारा 144 के अंतर्गत लगाई गई है।
उधर, नागपुर में पुलिस की तरफ से एक नोटिस जारी कर कहा गया है कि अनावश्यक भीड़ जमा करने पर आईपीसी की धारा 144 के तहत कार्रवाई की जा सकती है। पुलिस की तरफ से जारी किए गए नोटिस में कहा गया है कि देश और दुनिया में कोरोना वायरस फैल रहा है और यह एक संक्रामक बीमारी है। इसके रोकथाम के लिए सरकार ने नागपुर में धारा 1897 लागू कर दिया है। ऐसे में अगर कोई सभा, लोगों को इक्कठा करना जैसे काम करता है कि तो उसपर कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।
नोएडा पुलिस ने भी एक बेहद उपयोगी संदेश जारी किया है। नोएडा पुलिस के वायरल संदेश के मुताबिक अगर किसी के घर के दरवाजे या कॉलोनी के गेट पर कुछ लोग समूह में पहुंचे और वे लोग खुद को सरकारी अधिकारी या कर्मचारी बताएं तो सावधान रहें। हो सकता है कि कुछ लोग आकर यह भी कहें कि वे सरकार की तरफ से एंटी-कोरोना का छिड़काव या दवाई वितरण के लिए आए हैं। मगर इन लोगों पर कतई विश्वास न करें। पहले पूरी पहचान कर लें, इससे बाद ही उन पर विश्वास करें।
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